सोचिए कैसा हो जब किसी को उसके पिता 30 साल बाद मिलें, वो भी तब जब मृत मानकर उसने पिता का पिंडदान तक कर दिया हो। मिर्जापुर जिले के जिगना थाना क्षेत्र के बिजरकला गांव निवासी एक व्यक्ति 30 वर्ष बाद हरियाणा में यमुनानगर के एक आश्रम में मिले। जब यह सूचना परिवारीजनों को मिली तो यह खबर किसी सपने के हकीकत में बदलने जैसा हुआ। सूचना पर पिता को लेने पुत्र यमुनानगर पहुंच गया है। बृहस्पतिवार को यमुनानगर पहुंचने पर पुत्र ने पिता को अपने सामने देखा तो दोनों के आंसू छलक उठे। दोनों एक दूसरे के गले लग खूब रोये।जिगना थाना क्षेत्र के बिजरकला गांव निवासी रोहित तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं। रोहित रेलवे में गैंगमैन थे। 30 वर्ष की उम्र में मानसिक स्थिति ठीक न होने पर वह काम छोड़ चुके थे। दशहरा के बाद जिगना थाना क्षेत्र के दुगारहा गांव में लगने वाले कुश्ती दंगल मेला को देखने के लिए निकले। इसके बाद वह वापस घर नहीं लौटे। परिवार वालों ने उन्हें खूब खोजा पर रोहित का पता नहीं चला। पता ना चलने पर बेटे ने उनको मृत समझ कर पिंडदान भी कर दिया, पर किस्मत में कुछ और ही लिखा था।
अप्रैल 2021 में रोहित कुरुक्षेत्र के शाहबाद में ‘नी आसरे दा आसरा आश्रम’ के संचालक जसकीरत को मिले। उन्होंने देखा कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में आश्रम में उनका उपचार कराया गया। जिससे मानसिक स्थिति कुछ ठीक हुई। उसके बाद आश्रम की तरफ से स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकूला की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को जानकारी दी गई। तब एएसआई राजेश कुमार ने रोहित से मुलाकात की। उसके बाद राजेश कुमार ने घंटेभर रोहित से बात की तो उन्होंने अपने गांव का नाम बिजरकला बताया। राजेश ने फिर इंटरनेट के जरिए बिजरकला गांव को तलाशा। उन्हें इस नाम के कई गांव मिले। तब उन गांवों के प्रधान से बात की। उसके बाद बिजरकला गांव के प्रधान रवि यादव से बात हुई। प्रधान रोहित ने बताया कि उनके गांव निवासी रोहित कई वर्ष से लापता हैं। इसके बाद एएसआई ने प्रधान रवि के जरिये रोहित के परिवार से संपर्क किया। विजरकला के ग्राम प्रधान रवि ने बताया कि 15 दिन पहले उनके पास फोन आया था। रोहित को दो पुत्र हैं। बड़ा अमरनाथ छोटा विजय है। पुलिस ने अमरनाथ से वीडियो कॉलिंग के जरिये बात कर पिता की पहचान कराई। तीन दिन पूर्व परिवार के लोग हरियाणा के लिए रवाना हुए हैं। बृहस्पतिवार को परिवार वहां पहुंच गया है। कुछ लोग बताते हैं कि वे प्रयागराज से लापता हुए।
रोहित की ससुराल प्रयागराज जिले के मांडा खास में है।30 वर्ष पूर्व रोहित जब लापता हुए तो परिजनों ने उनकी खोजबीन की। उनके ना मिलने पर पत्नी अपने दोनों बच्चों के साथ अपने मायके चली गई। उसके बाद से परिवार वहीं पर निवास करता है।
सोचिए कैसा हो जब किसी को उसके पिता 30 साल बाद मिलें, वो भी तब जब मृत मानकर उसने पिता का पिंडदान तक कर दिया हो। मिर्जापुर जिले के जिगना थाना क्षेत्र के बिजरकला गांव निवासी एक व्यक्ति 30 वर्ष बाद हरियाणा में यमुनानगर के एक आश्रम में मिले। जब यह सूचना परिवारीजनों को मिली तो यह खबर किसी सपने के हकीकत में बदलने जैसा हुआ। सूचना पर पिता को लेने पुत्र यमुनानगर पहुंच गया है। बृहस्पतिवार को यमुनानगर पहुंचने पर पुत्र ने पिता को अपने सामने देखा तो दोनों के आंसू छलक उठे। दोनों एक दूसरे के गले लग खूब रोये।
जिगना थाना क्षेत्र के बिजरकला गांव निवासी रोहित तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं। रोहित रेलवे में गैंगमैन थे। 30 वर्ष की उम्र में मानसिक स्थिति ठीक न होने पर वह काम छोड़ चुके थे। दशहरा के बाद जिगना थाना क्षेत्र के दुगारहा गांव में लगने वाले कुश्ती दंगल मेला को देखने के लिए निकले। इसके बाद वह वापस घर नहीं लौटे। परिवार वालों ने उन्हें खूब खोजा पर रोहित का पता नहीं चला। पता ना चलने पर बेटे ने उनको मृत समझ कर पिंडदान भी कर दिया, पर किस्मत में कुछ और ही लिखा था।
अप्रैल 2021 में रोहित कुरुक्षेत्र के शाहबाद में ‘नी आसरे दा आसरा आश्रम’ के संचालक जसकीरत को मिले। उन्होंने देखा कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में आश्रम में उनका उपचार कराया गया। जिससे मानसिक स्थिति कुछ ठीक हुई। उसके बाद आश्रम की तरफ से स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकूला की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को जानकारी दी गई। तब एएसआई राजेश कुमार ने रोहित से मुलाकात की। उसके बाद राजेश कुमार ने घंटेभर रोहित से बात की तो उन्होंने अपने गांव का नाम बिजरकला बताया। राजेश ने फिर इंटरनेट के जरिए बिजरकला गांव को तलाशा। उन्हें इस नाम के कई गांव मिले। तब उन गांवों के प्रधान से बात की। उसके बाद बिजरकला गांव के प्रधान रवि यादव से बात हुई। प्रधान रोहित ने बताया कि उनके गांव निवासी रोहित कई वर्ष से लापता हैं। इसके बाद एएसआई ने प्रधान रवि के जरिये रोहित के परिवार से संपर्क किया। विजरकला के ग्राम प्रधान रवि ने बताया कि 15 दिन पहले उनके पास फोन आया था। रोहित को दो पुत्र हैं। बड़ा अमरनाथ छोटा विजय है। पुलिस ने अमरनाथ से वीडियो कॉलिंग के जरिये बात कर पिता की पहचान कराई। तीन दिन पूर्व परिवार के लोग हरियाणा के लिए रवाना हुए हैं।
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