कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई नवनिवाहिता खुशी दुबे की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबी बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है। खुशी दुबे में घटना के आरोपी और पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी है। जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सुनवाई की। याची की ओर से अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र ने पक्ष रखा। उनका कहना था कि याची पूरी तरह से बेगुनाह है। मात्र अमर दुबे की पत्नी होने के कारण पुलिस ने उसे मामले में आरोपी बना दिया। जबकि घटना से तीन दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी। घटना में उसकी कोई भूमिका नहीं है। इसके बावजूद पुलिस ने उसके खिलाफ गंभीर धाराएं लगाई हैं जिनका कोई सीधा साक्ष्य भी नहीं है।प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी इस घटना के अभियुक्त की पत्नी और सहयोगी रही है। घटना बेहद गंभीर थी। एक डिप्टी एसपी सहित कई पुलिस वालों की हत्या कर दी गई। इससे पूरे राज्य में भय और दहशत का माहौल बना। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
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