राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को लेकर लिखी गई है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि 15 साल से अधिक उम्र की नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध को बलात्कार नहीं माना जाएगा। आयोग ने मुख्य सचिव से आवश्यक कदम उठाने और उपरोक्त फैसले के खिलाफ तत्काल अपील दायर करने का अनुरोध किया है।
कोर्ट ने क्या कहा था?
मामला मुरादाबाद का है। यहां आरोपी के खिलाफ उसकी पत्नी ने आठ सितंबर 2020 को भोजपुर थाने में दहेज उत्पीड़न, मारपीट करने और धमकी देने के अलावा अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि धारा 375 में कई संशोधन किए गए हैं। संशोधित धारा की व्याख्या संख्या दो में यदि पत्नी पंद्रह वर्ष से कम आयु की नहीं है तो उसके साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने याची की जमानत मंजूर करते हुए शर्तों के साथ उसे रिहा करने का आदेश दिया है।
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