उप्र विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दावा किया है कि कोयला संकट से उत्पादन में आई गिरावट का फायदा उठाते हुए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानों ने राज्यों को महंगी बिजली बेचकर तीन दिनों में 840 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसमें अकेले यूपी से 80 करोड़ की कमाई की गई है।
इस मुद्दे पर बृहस्पतिवार को वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात कर एक जनहित प्रस्ताव सौंपा। इसमें महंगी बिजली बिक्री में भारी मुनाफाखोरी का दावा किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कोयला संकट के चलते प्रदेश में करीब 4000 मेगावाट कम बिजली उत्पादन हो रहा है। वर्मा ने केंद्र सरकार से महंगी बिजली दर पर सीलिंग लगवाने का अनुरोध किया है। इस पर ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर एनर्जी एक्सचेंज में 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचने को उपभोक्ता विरोधी बताते हुए इस पर सीलिंग लगाने की सिफारिश की है।
उपभोक्ता परिषद ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि बिजली किल्लत का फायदा उठाते हुए पावर एक्सचेंज 7 से लेकर 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बेच रहा है, जबकि उत्पादन खर्च मात्र 6 रुपये प्रति यूनिट है। बताया कि केंद्रीय कानून के मुताबिक कोई भी बिजली की ट्रेडिंग करने वाली संस्था लागत से अधिकतम 4 पैसा प्रति यूनिट से अधिक मुनाफा नहीं कमा सकती है। जबकि निजी घराने 14 रुपये तक का मुनाफा कमा रहा है। आगे चलकर इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।
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