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कोदो-कुटकी के संग्रहण, भण्डारण व प्रसंस्करण संबंधी प्रशिक्षण संपन्न

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वन धन योजना के अंतर्गत कोदो, कुटकी एवं रागी का संग्रहण प्राथमिक प्रसंस्करण तथा भण्डारण का वृत्त स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गत दिवस वन विद्यालय जगदलपुर में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में जिला यूनियन जगदलपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा तथा सुकमा के उपवन क्षेत्रपाल, समिति प्रबंधक, महिला स्व-सहायता समूहों के कोदो, कुटकी एवं रागी के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं भण्डारण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ रायपुर द्वारा ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक वन वृत्त द्वारा उक्त मिलेट्स के प्राथमिक प्रसंस्करण की विधि एवं संग्रहण के लिए गुणवत्ता जांच की जानकारी देकर प्रदर्शन किया गया। इसमें चारों जिला यूनियन के 120 प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षित किया गया। मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन महाप्रबंधक श्री मोहम्मद शाहीद ने बताया कि 6 दिसंबर को ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रशिक्षण ग्राम स्तर पर दिया जाएगा, ताकि इसका अधिकतम प्रचार-प्रसार हो सके एवं हमारे सुदूर स्थित किसानों को इसका लाभ मिल सके।

प्रबंध संचालक जिला यूनियन जगदलपुर सुश्री स्टायलो मंडावी ने बताया कि शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य कोदो एवं कुटकी के लिए 3000 रूपए तथा रागी के लिए 3377 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। गौरतलब है कि राज्य में वर्तमान में 52 लघु वनोपजों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इन 52 लघु वनोपजों में साल बीज, हर्रा, इमली बीज सहित, चिरौंजी गुठली, महुआ बीज, कुसुमी लाख, रंगीनी लाख, काल मेघ, बहेड़ा, नागरमोथा, कुल्लू गोंद, पुवाड़, बेल गुदा, शहद तथा फूल झाडू, महुआ फूल (सूखा) शामिल हैं। इसके अलावा जामुन बीज (सूखा), कौंच बीज, धवई फूल (सूखा), करंज बीज, बायबडिंग और आंवला (बीज सहित) तथा फूल इमली (बीज रहित), गिलोय तथा भेलवा, वन तुलसी बीज, वन जीरा बीज, इमली बीज, बहेड़ा कचरिया, हर्रा कचरिया तथा नीम बीज शामिल हैं। इसी तरह कुसुमी बीज, रीठा फल (सूखा), शिकाकाई फल्ली (सूखा), सतावर जड़ (सूखा), काजू गुठली, मालकांगनी बीज तथा माहुल पत्ता शामिल है। इसमें पलास (फूल), सफेद मूसली (सूखा), इंद्रजौ, पताल कुम्हड़ा, तथा कुटज (छाल), अश्वगंधा, आंवला कच्चा, सवई घास, कांटा झाडू, तिखुर, बीहन लाख-कुसमी, बीहन लाख-रंगीनी, बेल (कच्चा), तथा जामुन (कच्चा) भी शामिल है। राज्य सरकार द्वारा कुसुमी लाख, रंगीनी लाख और कुल्लू गोंद की खरीदी में समर्थन मूल्य के अलावा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। कार्यक्रम में एसडीओ श्रीमती सुषमा नेताम, वन विभाग के अधिकारी, कृषि अधिकारी, कर्मचारी, स्थानीय व्यापारी, कृषि अधिकारी आदि शामिल थे।