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Editorial: देश मे इतना सम्मान मिला फिर भी मन में इतना जहर क्यूं?

28-1-2022

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी अपने बयानों के कारण लगातार विवादों में बने रहते हैं। राष्ट्रवाद को ‘जहरÓ बताना हो या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर का मामला हो, तीन तलाक के कानून का विरोध हो या देश के हर जिले में शरिया अदालतें स्थापित करने का ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रस्ताव हो, सभी मामलों में हामिद अंसारी ने विवादित बयान दिया है। इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए हामिद अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद पर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि ‘हिंदू राष्ट्रवाद चिंता का विषय है। देश में धार्मिक आधार पर लोगों को बांटा जा रहा है। टाइम्स नाउ नवभारत के अनुसार लोगों में राष्ट्रीयता को लेकर विवाद पैदा किया जा रहा है। खासकर एक धर्म विशेष के लोगों को उकसाया जा रहा है। देश में असहिष्णुता को हवा दी जा रही है और असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार जिस संगठन पर देश में दंगे भड़काने और पाकिस्तानी आईएसआई से लिंक का आरोप है, उसके मंच से हामिद अंसारी ने कहा कि हाल के वर्षों में नागरिक राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से बदलने की कोशिशें हो रही हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति कहा कि धार्मिक बहुमत को राजनीकि एकाधिकार के रूप में पेश करके मजहब के आधार पर असहिष्णुता को हवा दी जा रही है।

पूर्व उपराष्ट्रपति का यह बयान कोई हैरान करने वाला नहीं है। इससे पहले भी उदारता और छद्म धर्मनिरपेक्षता की आड़ में मुस्लिम परस्त और देश विरोधी बयान देते रहे हैं। जिनसे उनके वास्तविक चरित्र का परिचय मिलता है। जब बालाकोट एयर स्ट्राइक हुआ तब हामिद अंसारी ने सबूत मांग जाने का समर्थन किया। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि देश के लोगों को बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाने का पूरा हक है। अब देश के बाहर विश्व स्तर पर इतने सारे साक्ष्य उपलब्ध हैं कि आप सच को छिपा नहीं सकते। यह पूछे जाने पर कि ऐसी चर्चा है कि भारत ने पाकिस्तान के एफ-16 विमान को ढेर नहीं किया तो उन्होंने कहा कि अगर मैं कह दूं कि मैंने किसी शेर को मारा है तो मुझे उस शेर को दिखाना भी होगा।

पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि 1947 में हुए विभाजन के लिए सिर्फ पाकिस्?तान ही जिम्?मेदार नहीं है, बल्कि भारत भी इसमें जिम्?मेदार था। अंसारी ने कहा कि, ‘हम ये मानने को तैयार नहीं है कि विभाजन के लिए हम भी बराबर के जिम्?मेदार हैं। पूर्व उप राष्?ट्रपति ने कहा कि देश के बंटवारे के लिए सियासी वजहों से मुसलमानों को जिम्?मेदार ठहराया गया। अंसारी ने कहा कि, ‘जहां भी किसी ने गलत काम किया तो मुल्जिम एक हीज् आप सब जानते हैं।Ó उन्?होंने कहा कि, ‘आजादी के चार दिन पहले सरदार पटेल ने दिल्?ली में कहा था कि अगर देश को एक रखना है तो विभाजन जरूरी है। लेकिन सियासत ने जो रुख पलटा तो किसी को जिम्मेदार बनाना था। तो उन्होंने कहा कि जिम्मेदार बना दो, किसे, मुसलमानों को बना दो। यह सबने मान लिया कि मुसलमानों को जिम्मेदार बनाना चाहिए।Ó

20 नवंबर, 2020 को हामिद अंसारी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की किताब ‘ञ्जद्धद्ग क्चड्डह्लह्लद्यद्ग शद्घ क्चद्गद्यशठ्ठद्दद्बठ्ठद्दÓ के डिजिटल विमोचन के मौके पर कहा कि देश कोरोना से पहले ही दो महामारी का शिकार हो चुका है। ये हैं- धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद। अंसारी के मुताबिक इनके मुकाबले देशप्रेम अधिक सकारात्मक अवधारणा है, क्योंकि यह सैन्य और सांस्कृतिक रूप से रक्षात्मक है।