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गाजीपुर में प्रधान और सेक्रेटरी ने बिना निर्माण कराए निकाल लिए पैसे, डीएम ने जांच के दिए आदेश

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस नीति इख्तियार करने का दावा कर रही है। वहीं, गाजीपुर जिले की भांवरकोल ब्लाक के गोडउर गांव में विकास के लिए आई धनराशि करप्शन की भेंट चढ़ गई है। आरोप है कि ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने मिलीभगत कर बिना निर्माण काम कराए ही लाखों का पेमेंट करा लिया है। आरोप यह भी है कि दोनों ने भ्रष्टाचार के जरिए हासिल किए इस पैसे को अपने परिचितों के अकाउंट में ट्रांसफर करवाया है।

गोडउर ग्रामसभा में विकास कार्य के लिए शासन की तरफ से लाखों रुपया ग्राम प्रधान के खाते में भेजा गया था, लेकिन ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की मिलीभगत का अंजाम यह हुआ कि विकास से जुड़े निर्माण कार्य सिफर ही रहे, लेकिन सरकारी धन की खूब बंदरबांट की गई। पंचायत भवन की चहारदीवारी बनाने के लिए शासन से करीब 5 लाख की रकम भेजी गई, लेकिन बिना चहारदीवारी का निर्माण कराए ही फरवरी में पेमेंट करा लिया गया। इस बाबत ग्रामीण लक्ष्मण राय ने जिलाधिकारी के यहां लिखित शिकायत भी की है। बात खुलते देख आनन-फानन में दीवार निर्माण के लिए गड्ढा खुदवाने का काम शुरू किया गया।

50 मीटर रोड का निर्माण आज तक अधूरा ही है
गांव में सीसी रोड का भी निर्माण किया गया है, लेकिन वह भी मानकों की अनदेखी कर करवाया गया है। गांव में दीनदयाल के मकान से लेकर अंजनी राय के मकान तक सीसी रोड का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित था, लेकिन दीनदयाल के मकान से करीब 50 मीटर रोड का निर्माण आज तक अधूरा ही है, लेकिन भुगतान पूरे निर्माण कार्य का करवा लिया गया है। ग्रामीणों ने प्रधान और सेक्रेटरी पर यह भी आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य के सापेक्ष भुगतान, निर्माण करने वाली फर्म को किया जाना चाहिए, लेकिन ग्राम प्रधान ने निर्माण कार्य के भुगतान के नाम पर पेमेंट किए जाने का हवाला देते हुए सरकारी धन को अपने बहुत सारे परिचितों और रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर करवाया है।

कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा- डीएम
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने निर्माण से पहले भुगतान करा लेने के मामले को गंभीरता से लेते हुए ततत्काल डीपीआरओ को मौके का मुआयना कर रिपोर्ट देने को निर्देशित किया है। डीएम सिंह ने कहा कि यदि इस प्रकरण में जांच के उपरांत किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा।