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Allahabad highcourt: न्यायिक कार्यों को बाधित करना बार एसोसिएशन का काम नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के न्यायिक कार्य से विरत रहने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन पंजीकृत सोसायटी से अधिक नहीं है और अपने व्यक्तिगत सदस्यों के लिए कामकाज करती है। उससे यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि वह अदालतों के न्यायिक कामकाज में बाधा उत्पन्न करे। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रजनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

मामले में याची ने सत्र न्यायालय केफैसले को चुनौती थी। सत्र न्यायालय ने याची की उपस्थिति कोर्ट में न होने पर याचिका को खारिज कर दिया था। याची ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल की। तर्क दिया कि सुनवाई केदौरान बार एसोसिएशन का चुनाव चल रहा था। अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत थे।

इस वजह से कोर्ट के समक्ष याची पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं हो सका। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कल्पना से परे है कि अदालत का काम ठप हो जाएगा। कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन पंजीकृत सोसायटी है। वह अपने साथियों केलिए काम करती है। उसका यह कार्य नहीं है कि न्यायालय के कार्यों में बाधा उत्पन्न करे। कोर्ट ने मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश को सही ठहराया और याचिका को खारिज कर दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के न्यायिक कार्य से विरत रहने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन पंजीकृत सोसायटी से अधिक नहीं है और अपने व्यक्तिगत सदस्यों के लिए कामकाज करती है। उससे यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि वह अदालतों के न्यायिक कामकाज में बाधा उत्पन्न करे। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रजनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

मामले में याची ने सत्र न्यायालय केफैसले को चुनौती थी। सत्र न्यायालय ने याची की उपस्थिति कोर्ट में न होने पर याचिका को खारिज कर दिया था। याची ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल की। तर्क दिया कि सुनवाई केदौरान बार एसोसिएशन का चुनाव चल रहा था। अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत थे।

इस वजह से कोर्ट के समक्ष याची पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं हो सका। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कल्पना से परे है कि अदालत का काम ठप हो जाएगा। कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन पंजीकृत सोसायटी है। वह अपने साथियों केलिए काम करती है। उसका यह कार्य नहीं है कि न्यायालय के कार्यों में बाधा उत्पन्न करे। कोर्ट ने मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश को सही ठहराया और याचिका को खारिज कर दिया।