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Indian Skimmer: चंबल में बढ़ा इंडियन स्कीमर का कुनबा, रोमांचकारी है इस पक्षी के शिकार करने का अंदाज

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दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार में संकटग्रस्त स्थिति में पहुंची इंडियन स्कीमर पक्षी की संख्या चंबल सेंक्चुअरी में बढ़ रही है। मई में ही सेंक्चुअरी में 350 बच्चे जन्मे हैं। चंबल सेंक्चुअरी के रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि रेहा (बाह, आगरा) से पचनदा (इटावा) तक 175 किलोमीटर के दायरे में इंडियन स्कीमर के संरक्षण के प्रोजेक्ट पर भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून काम कर रहा है। इस संस्था की ओर से वर्ष 2021 में चंबल में इंडियन स्कीमर की गणना कराई गई थी। इसमें पाया गया था कि चंबल की यूपी रेंज में करीब 500 वयस्क इंडियन स्कीमर हैं। संख्या बढ़ रही है। इस साल मई माह में चंबल सेंक्चुअरी में इंडियन स्कीमर के 350 बच्चे जन्मे हैं। रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि इंडियन स्कीमर की दुनियाभर में आबादी करीब 3000 के आसपास ही बची है।  

बच्चों के लिए बाज से भिड़ जाती है इंडियन स्कीमर
रेंजर ने बताया कि इंडियन स्कीमर अपने चूजों की रक्षा के लिए बाज से भी भिड़ जाती है। बाज इनके चूजों का शिकार करने के लिए घोंसले पर हमला करते हैं। इंडियन स्कीमर अधिकांश हमलों में बचाव करने में सफल रहती है।
रोमांचकारी शिकारी अंदाज
आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि गुलाबी लंबी चोंच, सफेद गर्दन, गुलाबी पैर और काले रंग का धड़ इंडियन स्कीमर को आकर्षक बनाता है। मछलियों और कीट के शिकार के दौरान पंखों को अत्यंत तेजी से हिलाते हुए मुंह खोलकर नदी के पानी को चीरते हुए निकलने का दृश्य किसी रोमांच से कम नहीं होता।
पनचीरा और पंछीडा हैं स्थानीय नाम
इंडियन स्कीमर को हिंदी में पनचीरा व राजस्थानी स्थानीय भाषा में पंछीडा भी कहते हैं। अपनी काली टोपी और चटक नारंगी रंग की चोंच, जिसका निचला भाग ऊपरी भाग की अपेक्षा लंबा होने के कारण इसे आसानी से पहचाना जा सकता है।
आगरा के बाह क्षेत्र तक फैले चंबल क्षेत्र में प्रकृति अद्भुत छटा देखने को मिलती है। साफ-सुथरी चंबल नदी में लुप्तप्राय: जलीय जीवों का ठिकाना है। यहां पक्षियों का भी बसेरा है। विभिन्न प्रजातियों के पक्षी यहां देखने को मिलते हैं। 

दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार में संकटग्रस्त स्थिति में पहुंची इंडियन स्कीमर पक्षी की संख्या चंबल सेंक्चुअरी में बढ़ रही है। मई में ही सेंक्चुअरी में 350 बच्चे जन्मे हैं। चंबल सेंक्चुअरी के रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि रेहा (बाह, आगरा) से पचनदा (इटावा) तक 175 किलोमीटर के दायरे में इंडियन स्कीमर के संरक्षण के प्रोजेक्ट पर भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून काम कर रहा है। इस संस्था की ओर से वर्ष 2021 में चंबल में इंडियन स्कीमर की गणना कराई गई थी। इसमें पाया गया था कि चंबल की यूपी रेंज में करीब 500 वयस्क इंडियन स्कीमर हैं। संख्या बढ़ रही है। इस साल मई माह में चंबल सेंक्चुअरी में इंडियन स्कीमर के 350 बच्चे जन्मे हैं। रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि इंडियन स्कीमर की दुनियाभर में आबादी करीब 3000 के आसपास ही बची है।