Editorial :- भ्रष्टाचार आरोपित नेताओं केपासपोर्ट चीन में जप्त – Lok Shakti
November 1, 2024

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Editorial :- भ्रष्टाचार आरोपित नेताओं केपासपोर्ट चीन में जप्त

पागल हाथी बन विपक्ष के नेता कुचल रहे हैं जनता के अरमान
चिदंबरम के बाद अब नीरव मोदी के अहमद पटेल के साथ कनेक्शन : 5 हजार करोड़ के बैंकिंग फ्राड में सोनिया गांधी के खास अहमद पटेल फंसे : 4,701 करोड़ की संपत्ति हुई जप्त
चीन में भ्रष्टाचार के आरोपित सभी नेताओं के  पासपोर्ट जप्त कर लिये गए हैं। परंतु हमारे यहॉ भ्रष्टाचार के आरोपित ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के केस में जमानत पर छूटे सोनिया गांधी, राहुल गांधी जैसे नेता और जेल में आराम फरमा रहे लालू यादव तथा अभी जिन पर ईडी, सीबीआई , आईटी का शिकंजा कसा हुआ है वे सम्मिलित हैं। इसके अलावा कांग्रेस के नेता चिदंबरम, अहमद पटेल, आम आदमी पार्टी के सत्येन्द्र जैन तथा ममता बैनर्जी की टीमएसी के अनेक नेता  भी फंसे हुये हैं। मायावती भी इसमें अछूती नहीं है।
विडंबना यह है कि ये सभी मदमस्त हाथी के समान विचरण कर जनता के अरमानों को कुचल रहे हैं। आज ऐसे ही सब विशेषकर परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन जनता को ठगने ेके लिये हो चुका है।
उनका यह नकारात्मक बेमोल अपवित्र गठबंधन सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को हटाना मात्र है। यह गठबंधन बिना नेतृत्व के है।
किसान का बेटा अहमद पटेल सोनिया गांधी के खासमखास सलाहकार हैं।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब राजीव गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली तो अहमद पटेल उनके सबसे करीबी लोगों में से थे. बताया जाता है कि उस समय राजीव गांधी के सलाहकारों में प्रमुख रुप से जो तीन लोग शामिल थे उन्हें अमर, अकबर, एंथनी कहा जाता था. इनमें अमर यानी अरुण सिंह (दून स्कूल के जमाने से राजीव गांधी के दोस्त), एंथनी यानी ऑस्कर फर्नांडिस और अकबर यानी अहमद पटेल शामिल थे।
आज के समाचार के अनुसार 5000 करोड़ का घोटाला! ईडी की जांच के घेरे में सोनिया के सलाहकार अहमद पटेल और उनके बेटे: संडेसरा ग्रुप से जुड़े वित्तीय धोखाधड़ी के मामले से अहमद पटेल का नाम जुडऩे से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ईडी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक लोन धोखाधड़ी मामले की जांच के दौरान अहमद पटेल के परिवार का नाम सामने आया है। सीबीआई द्वारा इस बाबत एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने संडेसरा ग्रुप की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, इसके निदेशकों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आंध्रा बैंक के तत्कालीन निदेशक के खिलाफ मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर आंध्रा बैंक अगुआई वाले सरकारी बैंकों के कंसोर्टियम से ग्रुप की कंपनियों ने पांच हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया था। इसका इस्तेमाल देश के अलावा विदेशी कंपनियों में भी किया गया था। जांच एजेंसी ने इस मामले में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले गगन धवन को गिरफ्तार किया था। उस वक्त धवन के तार प्रभावशाली नौकरशाह और नेताओं से जुड़े होने की बात कही गई थी। आरोप के मुताबिक कर्ज के पैसे धवन को भी ट्रांसफर किए गए थे, जिसका इस्तेमाल उसने कथित तौर पर प्रॉपर्टी खरीदने में किया था।
बैंकिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आंच अहमद पटेल के परिवार तक भी पहुंची
बता दें कि संदेसारा ग्रुप पर लगे बैंकिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आंच अहमद पटेल और उनके परिवार तक भी पहुंच गयी है. जानकारी के अनुसार संदेसरा ग्रुप के कर्मचारी सुनील यादव ने ईडी के समक्ष अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल और दामाद इरफान सिद्दीकी का भी नाम लिया है. यादव ने ईडी को दिये बयान में आरोप लगाया है कि संदेसरा ग्रुप के मालिक चेतन संदेसरा और उनके सहयोगी गगन धवन ने सिद्दीकी को कई बार 15-20 लाख रुपये दिये.  संदेसरा ग्रुप ने  ईडी को दिये अपने बयान में इस बात का जिक्र किया था कि चेतन संदेसरा अक्सर अहमद पटेल के घर 23, मदर क्रेसंट, नयी दिल्ली जाया करते थे और संदेसरा द्वारा इसे हेडक्वॉर्टर 23 बताया जाता था. यादव के अनुसार सिद्दीकी को संदेसरा जे2 और फैजल पटेल को जे1 बुलाते थे. यादव का बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के सेक्शन 50 के तहत रिकॉर्ड किया गया था.  ईडी के समन के बावजूद चेतन संदेसरा अब तक जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं. जबकि गगन धवन गिरफ्तार किये जा चुके हैं.
ममता बैनर्जी की पार्टी के ही नहीं उनके मंत्री भी चीटफंड फ्राड में फंसे हुये हैं। लालू यादव के साथी कभी भी चिदंबरम जी भी बन सकते हैं। सीबीआई का शिकंजा उन पर ही नहीं बल्कि उनके पुत्र और पत्नी पर भी कसा हुआ है। संभवत: ६ जून को चिदंबरम जी को सीबीआई के समक्ष प्रस्तुत होना है।
आश्चर्य इस बात का है कि यूपीए शासन का अंत भ्रष्टाचार की वजह से हुआ था। अभी भी इन विपक्षी पार्टियों के परिवारवादी अधिकांश भ्रष्टाचार के केसों में जांच एजेंसियों के घेरे में हैं।  बावजूद इसके कुछ उपचुनावों में जीत दर्ज करने की खुशी में वे मदहोश  बनकर जनता के अरमानों को कुचल रहे हैं। भारत की १२५ करोड़ जनता के उज्जवल भविष्य को अंधकार में ढ़केलने के लिये जनता को ठगने के लिये गठबंधन बिना आधार का बना रहे हैं।
जनता को इससे सचेत रहने की आवश्यक्ता है।