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जो भी वर्ग संघर्ष पैदा करने का दुस्साहस करेगा, उसके…. मानस विवाद को लेकर योगी की स्वामी प्रसाद को नसीहत

लखनऊः स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर सवाल उठाए जाने के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने मानस और भगवान श्रीराम जी के बारे में जाना ही नहीं, वह इस पर टिप्पणी करें तो यह सूरज को दीपक दिखाने जैसा है।’ योगी ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘जो भी लोग वर्ग संघर्ष पैदा करने का दुस्साहस कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई करेंगे।’ बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास ग्रंथ कहा था और उसकी एक चौपाई पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। इसे लेकर लंबे समय से यूपी में विवाद की स्थिति बनी है।

विपरीत समय में संबल है रामचरितमानसः योगी
योगी ने कहा कि मानस लोगों की व्यापक आस्था का केंद्र है और इसकी लोग पूजा करते हैं। विरोध करने वालों को पता ही नहीं है अभी कि जिन लोगों को पूर्वी यूपी से गिरमिटिया मजदूर बनाकर भेजा गया था और दुनिया के कई देशों में वे राष्ट्राध्यक्ष हैं, उनके विपरीत समय में अगर कोई संबल था तो यही मानस की गुटका थी। योगी ने कहा कि मानस में निषादराज की भी चर्चा है। नारी के रूप में शबरी की भी चर्चा है। उन्होंने कभी यह दृश्य पढ़ा होता तो कभी ऐसा न कहते। उन्होंने कहा कि एक इवेंट (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023) से ध्यान कैसे हटाया जाए, उसके लिए कुछ विवाद खड़ा करना था इसलिए विपक्ष की सोची-समझी रणनीति के तहत यह किया जा रहा है।

मौर्य का चरित्र हर कोई जानता हैः योगी
योगी ने कहा कि इन लोगों (स्वामी प्रसाद मौर्य) का चरित्र क्या है हर व्यक्ति जानता है। फिर भी उसको तूल देने का औचित्य क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि जिस मंच पर रामचरितमानस विवाद का जवाब देना होगा, उस मंच पर दे देंगे। विपक्ष से आमने-सामने की चर्चा होगी तो जरूर जवाब देंगे। योगी ने कहा कि किसी भी पवित्र ग्रंथ पर प्रश्न नहीं खड़ा करना चाहिए। फिर ये केवल हिंदुओं के ही पवित्र ग्रंथ पर यह सवाल कैसे खड़ा कर सकते हैं। क्या किसी अन्य मत और मजहब के साथ कोई शरारत कर सकता है क्या, आखिर हिंदू आस्था के साथ ही ऐसा क्यों?

भागवत के बयान का बचाव
आरएसएस चीफ के पंडितों पर दिए बयान पर योगी ने कहा कि सरसंघचालक जी ने वर्ण व्यवस्था के बारे में कहा है। वर्ण व्यवस्था एक शास्त्रीय व्यवस्था है, जो जाति आधारित नहीं है बल्कि कर्म आधारित है। कालांतर में या गुलामी के कालखंड में किन कारणों से यह व्यवस्था भटकी, यह विस्तृत चर्चा का विषय है। उनका ध्यान शास्त्रीय व्यवस्था के बारे में है। स्वामी प्रसाद मौर्य के मसले पर योगी ने चेतावनी भी दी कि जो भी कानून के साथ खिलवाड़ करेगा और वर्ग संघर्ष करने का दुस्साहस करेगा तो जो भी कानून सम्मत कार्रवाई होगी वह जरूर होगी। बुलडोजर यहां पहले से चल रहा है। सड़कें बनती हैं और अवैध निर्माण को भी इसी से ध्वस्त किया जाता है।