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‘मेरे बेटे को कहीं से प्रचार नहीं गिरा’, अमिताभ बच्चन की मां ने भी यही बात कही थी

रेशमा और शेरा: सिल्वर स्क्रीन पर अमिताभ बच्चन (अमिताभ बच्चन) और वहीदा रहमान (वहीदा रहमान) की केमिस्ट्री को सबसे ज्यादा पसंद किया गया। दोनों करियर के शुरुआती दौर में कई फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं। साल 1971 में अमिताभ और समानदा ने फिल्म सिल्का और शेरा (रेशमा और शेरा) में काम किया था। कुछ साल पहले उसीदा रहमान ने इस फिल्म से जुड़े एक इंटरव्यू के दौरान एक इंटरव्यू के दौरान दिलचस्प किस्सा सुना था।

वहीदा रहमान ने कहा कि फिल्म में एक सीन था, जिसमें वह अमिताभ बच्चन को प्रचारित मार रहे हैं, लेकिन अभिनेता की मां तेजी बच्चन ने वहीदा से रिक्वेस्ट की थी कि वह अपने बेटे को किसी बड़े बिजनेस में नहीं मारेंगे। इसके बाद वहीदा रहमान असमंजस में पड़ गई।

मेरे बेटे का जोर से प्रचार नहीं हुआ

साल 2012 में फिल्मफेयर के साथ इंटरव्यू के दौरान वहीदा रहमान ने बताया, ‘फिल्म में एक सीन था, जहां मी अमिताभ का प्रचार गिरा था। उनकी मां तेजी बच्चन सेट पर थीं और उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें ज्यादा जोर से प्रचार नहीं करना चाहिए।’ सिल्का और शेरा फिल्म में सुनील दत्त और वहीदा रहमान ने लीड रोल रोल किया था। वहीं, अमिताभ छोटू नाम के किरदार में नजर आए थे। फिल्म के डायरेक्टर सुनील दत्त थे।

सीन शूट करने के लिए उसीदा ने लिया ये फैसला

वहीदा रहमान (वहीदा रहमान) ने आगे बताया कि उन्हें सुनील दत्त ने कहा था कि अमिताभ बच्चन का जोर से प्रचार हो रहा है, लेकिन वहां उनकी मां भी मौजूद थीं, तो ये सीन करना उनके लिए संभव नहीं हो पा रहा था। एक्ट्रेस ने बाद में बताया, ‘डायरेक्टर ने फ्लैप मारने के लिए कहा था, तो फिर मैंने फैसला किया कि अब एक ही रास्ता है कि अमिताभ की मां तेजी बच्चन को उस दिन सेट से रहने के लिए कहें और फिर इसका वो सीन ठीक है से शूट हो गया।’

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