उसका सीमांकन नहीं किया गया है। यह जानकारी भारत में रॉयल भूटानी दूतावास ने दी। रॉयल भूटानी दूतावास ने एक बयान में कहा कि 24-दौर की मंत्रिस्तरीय सीमा वार्ता चीन के साथ हो चुकी है और Covid-19 की वजह से 25वें दौर की वार्ता में देरी हो रही है। सभी विवादित क्षेत्रों में अगले दौर में चर्चा की जानी थी। हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इसमें देरी हो रही है।
पूर्वी भूटान में सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर चीनी दावों की खबरों के बीच भूटान का बयान आया है। बताते चलें कि वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) की एक ऑनलाइन बैठक में पूर्वी भूटान के ताशीगैंग जिले में सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर चीन ने अपना दावा किया था। इससे पहले इस इलाके को लेकर विवाद कभी नहीं रहा है और हमेशा से वह इलाका भूटान का ही रहा है। लिहाजा, जब इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए भूटान ने अनुरोध किया, तो चीन ने उस पर आपत्ति जताई थी। भूटान और चीन के बीच सीमा तय नहीं की गई है, जिसका चीन फायदा उठाना चाहता है। जिस तरह से वह अपने सभी छोटे पड़ोसी देशों को डरा-धमकाकर उनकी जमीनों पर कब्जे कर रहा है, उसी तरह से वह भूटान की जमीन पर भी कब्जा जताना चाहता था। मगर, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका के विश्व बैंक प्रभारी भारतीय आईएएस अधिकारी अपर्णा सुब्रमणि ने GEF में भूटान का प्रतिनिधित्व किया और कहा कि इस इलाके को लेकर कोई विवाद नहीं है।
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