तमिलनाडु के इरोड जिले में अगरबत्ती बेचकर गुजर-बसर करने वाले एक दृष्टिहीन दंपती ने पाई-पाई जोड़कर 10 सालों से ज्यादा समय में 24 हजार रुपये की बचत की। सोचा था कि मुश्किल वक्त में काम आएंगे, लेकिन उनके पैरों तले जमीन उस वक्त खिसक गई जब वे उन रुपये को बैंक में जमा कराने पहुंचे तो पता चला कि 1,000 व 500 रुपये के उनके नोट प्रचलन से बाहर हो चुके हैं।
जिले के पोथिया मूपनुर गांव के रहने वाले 58 साल के सोमू और उनकी पत्नी पलानियाम्मल फेरी लगाकर अगरबत्ती और कपूर बेचने का काम करते हैं। सोमू ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से हर हफ्ते कुछ पैसे बचाकर अपनी मां को सौंप दिया करते थे। बाद में उन नोटों को 1,000 और 500 रुपये के नोटों से बदल दिया जाता था।
इन तीनों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि नवंबर 2016 में 1,000 व 500 रुपये के नोट बंद किए जा चुके हैं।
सोमू ने शनिवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को वह पत्नी के साथ बैंक में बचत राशि जमा कराने के लिए गए थे। उन्हें बैंक में ही इस बात का पता चला कि वे नोट प्रचलन से बाहर हो चुके हैं। सोमू ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को ज्ञापन भेजकर इस मामले में मदद की मांग की है। पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी। ऐसा ही एक पुराने नोट का मामला पिछले साल पड़ोसी तिरुपुर जिले में सामने आया था, जब दो बुजुर्ग बहनों की जीवनभर की कमाई (46,000 रुपये) चलन से बाहर हो चुके नोटों की वजह से बेकार हो गई थी। उन्होंने भी 1,000 व 500 रुपये के नोटों में राशि जमा की थी।
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