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आकाश आनंद ही बसपा का भविष्य हैं… मुस्कुराते हुए कंधे पर हाथ रखकर मायावती ने दे दिया इशारा!

लखनऊः उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण राजनैतिक पार्टी बहुजन समाज पार्टी को लेकर अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता ही है कि दल में मायावती के बाद कौन? अब ऐसा लग रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की मुखिया मायावती ने इसका जवाब देना शुरू कर दिया है। बुधवार को लखनऊ में मायावती ने एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता शामिल थे लेकिन आकर्षण का केंद्र एक युवा लड़का था, जिसके कंधे पर मायावती अपने भरोसे का हाथ रखे नजर आईं। इसकी तस्वीर भी सामने आई और कहा गया कि यह कोई सामान्य तस्वीर नहीं है। यह बसपा के दलित मूवमेंट और राजनैतिक विरासत की जिम्मेदारी के पीढ़ीगत स्थानांतरण की भूमिका है, जिससे ‘मायावती के बाद कौन’ का जवाब तय होना है।

जिस युवा चेहरे की हम बात कर रहे हैं, वह आकाश आनंद हैं। मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे, जिन्हें साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजय के बाद सहारनपुर की एक राजनैतिक रैली में मायावती ने लॉन्च किया था। तब भी कहा गया था कि आकाश आनंद ही बीएसपी में मायावती के उत्तराधिकारी होंगे। हालांकि, इसके बाद आनंद उतने सक्रिय नहीं दिखे लेकिन अभी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मायावती ने जब उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी तब चीजें तेजी से साफ होने लगीं।

बसपा के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी है। वह इसके लिए तन-मन से जुट भी गए हैं। राजस्थान में आकाश आनंद ‘बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय संकल्प यात्रा’ भी निकाल रहे हैं। यह पदयात्रा 150 विधानसभा इलाकों से गुजरेगी। साढ़े 3 हजार किलोमीटर की इस यात्रा को बहुजन अधिकार यात्रा भी कहा जा रहा है।

राजस्थान के चुनाव में काफी सक्रिय आकाश आनंद बुधवार को अचानक लखनऊ में दिखे। दरअसल, यहां मायावती ने पार्टी के जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में आकाश आनंद भी शामिल हुए थे। मायावती के साथ उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई, जिसमें उनकी बुआ और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्कुराते हुए उनके कंधों पर हाथ रखे नजर आई हैं। उन्होंने सबके सामने आकाश आनंद को बुलाकर आशीर्वाद भी दिया। इससे उन्होंने यह साफ करने की कोशिश की कि आकाश ही बसपा के भविष्य हैं।