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Ghaziabad News Live Today: गाजियाबाद के 4 इलाकों में अभी सस्ते में ही पास किए जाएंगे नक्शे

गाजियाबाद: जीडीए की बोर्ड बैठक में सोमवार को 27 में से 17 प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई। इंदिरापुरम मेट्रो विस्तार के प्रॉजेक्ट पर फैसला नहीं हो सका। मास्टरप्लान 2031 को लेकर भी सहमति नहीं बनी। ऐसे में अभी रैपिड रेल कॉरिडोर के आसपास के इलाकों में नक्शा पास कराना महंगा नहीं होगा। राजनगर एक्सटेंशन, गुलधर, दुहाई और मेरठ रोड के पास मौजूदा रेट पर ही नक्शा पास होगा। मास्टरप्लान पास हो जाता तो इन इलाकों में कई तरह के डिवेलपमेंट चार्ज भी जोड़ दिए जाते। जुलाई में शासन में हुई मीटिंग में कुछ पॉइंट मास्टरप्लान में जोड़ने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही कमिटी के सुझाव और आपत्तियों को भी शामिल नहीं किया गया था। इसी वजह से मास्टरप्लान 2031 को पास नहीं किया गया।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड में कहा गया कि एनसीआरटीसी के साथ इस मामले को लेकर मीटिंग की जाए। उनके प्रस्ताव को मास्टरप्लान में नियमानुसार शामिल किया जाए। जीडीए के पूर्व चीफ आर्किटेक्ट टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी का कहना है कि मास्टरप्लान 2031 की डेडलाइन मार्च 2024 थी। यह लगातार लेट हो रहा है। यह जितना लेट होगा, उतना ही अधिक जीडीए को नुकसान होना तय है। क्योंकि इंफ्लुएंस जोन के एरिया में निर्माण कार्य लगातार जारी है। जब तक मास्टरप्लान 2031 लागू नहीं होगा, तब तक नए निर्माण के नक्शा पास करने पर जीडीए को कई तरह के चार्ज का पैसा नहीं मिलेगा। मेरठ में सोमवार को जीडीए की 161वीं बोर्ड बैठक मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई। इसमें कुल 27 प्रस्ताव पेश किए गए थे, जिसमें 17 प्रस्ताव को पास किया गया।

जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि बोर्ड बैठक में मास्टरप्लान 2031 में कुछ चीजों को शामिल किए जाने का निर्देश दिया गया। उसे शामिल किए जाने का निर्देश कंसलटेंट को दे दिया गया है। अधिकतम 10 दिन में मास्टरप्लान 2031 बोर्ड के निर्देशानुसार तैयार हो जाएगा। फिर जल्द ही अगली बोर्ड बैठक करवाई जाएगी।

मौत के चार दिन बाद हुआ बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टमखोड़ा में 12 साल के बच्चे की एम्स में हुई मौत के चार दिन बाद सोमवार को उसके शव का पोस्टमॉर्टम हो गया। इससे पहले रविवार को पोस्टमॉर्टम होना था, लेकिन एम्स के डॉक्टरों के पैनल का गठन नहीं होने के चलते यह प्रक्रिया रुक गई थी। अब शव परिजनों को सौंप दिया गया है। यहां गाजीपुर में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर, बच्चे को चाकू किसने मारे इस बारे में पुलिस अभी पता नहीं कर पाई है। वहीं, महिला के दूसरे लापता बेटे का भी कोई सुराग नहीं है।

पूरे प्रकरण में अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि दो पड़ोसियों के बीच चले आ रहे झगड़े के बीच बच्चे के शरीर पर निर्ममता से चाकू के किसने इतने सारे वार किए। महिला की तरफ से इसमें जिस पड़ोसी पर हत्या करने का शक जताया गया है, उससे पूछताछ में कोई ऐसे सबूत हाथ अभी तक नहीं लगे हैं, जिसके आधार पर पुलिस गिरफ्तार कर ले। पुलिस ने आरोपी पक्ष को लेकर आसपास के करीब 20 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। यहां तक आरोपी पड़ोसी जहां पहले रहता था, वहां पर भी उसे लेकर कोई नकारात्मक पक्ष सामने नहीं आया है। जांच अधिकारियों का कहना है कि अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही चीजें थोड़ी स्पष्ट होंगी। महिला को छोटा बेटा 24 जुलाई की शाम से लापता है।