तीन महीने से ज्यादा समय रहे लॉकडाउन के कारण बच्चों में मोबाइल पर गेम खेलने की जबर्दस्त आदत पड़ गई है। अब ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई है, लेकिन बच्चों की गेम खेलने की आदत नहीं छूट पा रही है। उनकी यह आदत छुड़ाने में पैरेंट्स को भी दिक्कत आ रही है, क्योंकि ऑनलाइन क्लास के लिए उन्हें मोबाइल देना ही पड़ता है और कई बच्चे बीच-बीच में गेम्स खेलने लगते हैं। इसी तरह यूट्यूब पर क्लास से संबंधित वीडियो देखने के दौरान भी कई बच्चे गेमिंग वाले वीडियो देखने लगते हैं।
पैरेंट्स खुद देते हैं मोबाइल
मनोचिकित्सक डॉ. वीएस पाल का कहना है स्वाभाविक बात है कि बच्चों के हाथ में अगर दिनभर मोबाइल बना रहेगा तो बच्चा पढ़ाई के बहाने अन्य चीजों की तरफ भी जाएंगे। इसमें देखने में आया है कि इंटरटेनमेंट के लिए बच्चे जब कुछ समय के लिए मोबाइल में कार्टून देखते हैं तो बच्चों की गेम्स खेलने की उत्सुकता बढ़ती है। कई बच्चे गेम्स खेलने की जिद करते हैं तो पैरेंट्स मोबाइल में गेम्स लगाकर भी दे देते हैं। इस तरह की आदत बाद में भारी पड़ जाती है।
क्रिएटिव कार्यों में रुचि बढ़ाएं
मनोचिकित्सक डॉ. श्रीकांत रेड्डी का कहना है इन दिनों कई पैरेंट्स बच्चों की बदलती आदतों के कारण चिंतित हैं। जब स्कूल संचालित हो रहे थे तो बच्चे दिनभर के एक शेड्यूल में आ गए थे, लेकिन अब घर पर ज्यादा समय फ्री रहने के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के बीच रह रहे हैं।
स्मार्ट टीवी और एलेक्सा जैसे गैजेट्स में भी बच्चे बहुत समय दे रहे हैं। इससे बचने के लिए हम पैरेंट्स को यही समझाइश दे रहे हैं कि बच्चों को क्रिएटिविटी से जोड़ें। हैंड मेड चीजें बनाने के लिए दें। बच्चों को ऑनलाइन क्लास के अलावा मोबाइल साथ में रखने की आदत न बनने दें। बच्चों को फ्री समय में प्रेरणादायक कहानियां सुनाएं और फिजिकल एक्टिविटीज में उनकी रुचि जगाने की कोशिश करें।
मोबाइल स्क्रीन पर ज्यादा देर तक बने रहने के कारण कई तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियां बच्चों में देखने को मिलती है। सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ रहा है। लगातार डिजिटल स्क्रीन देखने से आंखों के रेटिना पर गलत प्रभाव पड़ता है और मेमोरी कम होने की शिकायत भी होती है।
गैजेट्स एक्सपर्ट चातक वाजपेयी का कहना है बच्चों को मोबाइल देने के पहले इसकी डिस्प्ले सेटिंग कम कर देना चाहिए। कई बार मोबाइल यूजर डिस्प्ले की सेटिंग पर ध्यान नहीं देते हैं इससे शाम होने के बाद मोबाइल की तेज रोशनी आंखों पर पड़ती है। मोबाइल में ऑटोमेटिक डिस्प्ले सेटिंग को भी ऑन किया जा सकता है।
More Stories
एमपी में 66 फीसदी से ज्यादा वोटिंग: राजगढ़ में सबसे ज्यादा, रिकॉर्ड में 40 साल का रिकॉर्ड, जानें 2014 और 2019 में कितना फीसदी हुआ था वोटिंग
मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव चरण 3 वोटिंग: हाल और मुरैना में ईवीएम खराब होने की खबर, मतदाताओं की लगी लंबी लाइन
एमपी मॉर्निंग न्यूज: एमपी के सांसद पीएम मोदी, आज राहुल गांधी मालवा-निमाड़ में भरेंगे लालच, शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते हुए हिंद महासागर के सीएम मोहन, मैसाचुसेट्स-खंडवा में करेंगे प्रचार