नई शिक्षा नीति में स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देने की बात कही जा रही है। अब स्कूलों में स्मार्ट क्लास और ऑनलाइन कक्षाओं पर जोर दिया जाएगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अब भी प्रदेश के 50 हजार सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। अब ऐसे में शासन का ऑनलाइन शिक्षा का सपना फेल होता नजर आ रहा है। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास, ई-लाईब्रेरी जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। राजधानी के ही 600 स्कूल बिजली विहीन हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं हुए हैं। अभी हाल ही में राज्य शिक्षा केंद्र ने तीन हजार प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए 6 करोड़ 96 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। इसके बाद भी 47 हजार स्कूल अंधेरे में रहेंगे। बता दें कि, 2019 में राज्य शिक्षा केंद्र ने 67 हजार प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में से 17 हजार स्कूलों में बिजली मुहैया कराने का आदेश दिया था। इसके बाद भी प्रदेश के 50 हजार स्कूल बिजली विहीन रह गए थे। बिजली विहीन स्कूलों के साथ स्मार्ट कक्षाएं कैसे चलेंगी, इसका जवाब सरकार के पास भी नहीं है।
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