यह नाम किसी और ने नहीं, बल्कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने किया था। अखिल भारतीय स्तर की महंत राजा सर्वेश्वरदास स्मृति हॉकी प्रतियोगिता में हॉकी के जादूगर शामिल हुए थे। इसी दौरान उन्होंने गली-मोहल्लों का भ्रमण किया था। बच्चों को बेशरम की लकड़ी से हॉकी खेलते देखकर न केवल उन्हें प्रोत्साहित किया, बल्कि कहा कि यह तो हॉकी की नर्सरी है।
राजनांदगांव के वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी कुतबुद्दीन सोलंकी के अनुसार 1970-71 में राजनांदगांव मध्यप्रदेश राज्य में आता था। राजनांदगांव के म्यूनिसिपल स्कूल (नगर निगम स्कूल) में आयोजित सबसे प्राचीन महंत राजा सर्वेश्वरदास स्मृति हॉकी प्रतियोगिता में बतौर कोच ध्यानचंद टीम लेकर आए थे।
शहर में घूमने के दौरान उन्होंने हर गली-मोहल्ले में बच्चों को हॉकी खेलते देखा। यह देखकर उन्होंने कहा कि ऐसा नजारा तो पंजाब में देखने को मिलता है। हॉकी के प्रति लोकप्रियता को देखते हुए मेजर ध्यानचंद ने कहा मध्यप्रदेश का राजनांदगांव हॉकी की नर्सरी है। छत्तीसगढ़ में 500 से ज्यादा ऐसे हॉकी खिलाड़ी हैं, जो अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं।
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