अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ और आक्रामक रूख अख्तियार करते दिखाई दे रहे हैं। अपने कार्यकाल के खत्म होने से 72 दिन पहले ही उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग में राजनीतिक अधिकारों के दमन के मुद्दे पर चीन के चार और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इन चारों की अमेरिका यात्रा और यहां किसी भी तरह की संपत्ति हासिल करने पर रोक लगाई जाएगी।
अमेरिका ने इन अधिकारियों को हॉन्ग कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू कराने में उनकी भूमिका के लिए प्रतिबंधित किया है, क्योंकि अमेरिका इस कानून को अभिव्यक्ति की स्वंत्रता और विपक्ष की राजनीति को बेहद कड़ाई से दबाने के रूप में देखता है। यह कानून जून में पारित हुआ था। अमेरिका इससे पहले भी कई अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है, जिनमें हॉन्ग कॉन्ग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम भी शामिल हैं।
इसके अलावा ट्रंप शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों की नजरबंदी और नरसंहार के लिए चीन को दोषी ठहरा सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने चीन के ऊपर शिनजियांग में नरसंहार करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा ट्रंप चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के वीजा पर पाबंदी लगा सकते हैं। ऐसा भी माना जा रहा है कि 2022 में चीन में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक में शामिल न होने के लिए अमेरिकी एथलीटों को आदेश देने का प्रयास कर सकते हैं।
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