झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने जेपीएससी को निर्देश दिया है कि छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका को सुरक्षित रखा जाए। साथ ही अदालत ने कहा कि जेपीएससी सभी सफल अभ्यर्थियों का पता प्रार्थी को सौंप दें, ताकि उन्हें प्रतिवादी बनाते हुए संशोधित याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की जा सके।
इससे पहले प्रार्थी दिलीप सिंह के अधिवक्ता विकास कुमार ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के तहत मुख्य परीक्षा में सफल सभी अभ्यर्थियों को अखबारों के माध्यम से सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया था। इसमें ढाई सौ से ज्यादा अभ्यर्थी हाई कोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित हो गए हैं। इस दौरान मुख्य परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका को सुरक्षित करने की मांग की गई।
इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार ने विरोध जताते हुए कहा कि प्रार्थी को आइए दाखिल कर इसकी मांग की जानी चाहिए, लेकिन अदालत ने जेपीएससी को निर्देश दिया कि वे याचिका की सुनवाई तक मुख्य परीक्षा में शामिल हुए सभी अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका को सुरक्षित रखेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 18 जनवरी 2021 को होगी है।
बता दें कि इसको लेकर हाई कोर्ट में दिलीप सिंह सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि जेपीएससी ने अंतिम परिणाम जारी करने में बहुत गड़बड़ी की है। जेपीएससी ने पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग मार्क्स को कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया है। जबकि ऐसा नहीं किया जाना था। इसलिए छठी जेपीएससी के परिणाम को रद कर देना चाहिए।
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