मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर सतकोसिया राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की मौत पर दुख जताया है। सीएम शिवराज ने कहा, ओडिशा के अनुरोध पर मध्य प्रदेश ने बाघों का जोड़ा सौंपा था, लेकिन वन्यजीव प्रबंधन में लापरवाही के कारण नर बाघ की मौत हो गई और मादा बाघ सुंदरी की भी वहां ठीक-ठाक से देखभाल नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि जब तक कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सुंदरी की देखभाल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो जाती है तब तक कि उसे ओडिशा में ही समुचित ध्यान देकर सुरक्षित रखा जाए।
देश में बाघ संरक्षण कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से ओडिशा राज्य के सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघ पुर्नस्थपना कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्यों की सीमाओं से परे जाकर सोचते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार के अनुरोध पर ओडिशा राज्य को वर्ष 2018 में एक बाघ युगल प्रदान किया गया था।
दुर्भाग्यवश सतकोसिया टाईगर रिजर्व, ओडिशा में नर बाघ की मृत्यु हो गई और मादा बाघिन (सुंदरी) द्वारा जनहानि किए जाने फलस्वरूप निर्मित परिस्थितियों के कारण नवंबर, 2018 से बाघिन को बाड़े में रख दिया गया। समाचार-पत्रों के माध्यम से राज्य सरकार के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि सतकोसिया टाईगर रिजर्व में सुन्दरी बाघिन का रख रखाव वन्य जीव अधिनियम के मानकों के अनुरूप नहीं है जिसके के कारण वह नैसर्गिक व्यवहार प्रदर्शित नहीं कर पा रही है।
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