छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां मंत्रिमंडल गठन के लिए मंथन कर रही है, वहीं 15 साल तक सत्ता का स्वाद चखने वाली भाजपा में अब नेता प्रतिपक्ष के लिए दौड़ शुरू हो गई है। भाजपा के नवनिर्वाचित 15 विधायकों में से एक-तिहाई से ज्यादा विधायक नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में हैं। इससे पार्टी की मुश्किल बढ़ती दिखाई दे रही है। यही वजह है कि पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के चयन का जिम्मा केंद्रीय नेतृत्त्व पर छोड़ दिया है। 15 सदस्यों वाले भाजपा विधायक दल का नेता बनने बड़े नेताओं ने दिल्ली दौड़ शुरु कर दी है। जातिगत समीकरणों के तहत अपनी दावेदारी को मजबूत मानते हुए दिग्गज कंवर नेता ननकी राम कंवर बुधवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। इससे पहले उन्होंने रायपुर आकर पूर्व सीएम डा.रमन सिह से मुलाकात की। वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे । इससे पहले मंगलवार को दिल्ली गए बृजमोहन अग्रवाल और प्रेमप्रकाश पांडे ने आज महामंत्री संगठन रामलाल से मुलाकात की। अग्रवाल को भी नेता प्रतिपक्ष के दावेदार के रुप में देखा जा रहा है। इससे पहले पूर्व सीएम रमन सिंह राज्य में ही रहने की बात कहकर विधायक दल का नेतृत्व करने के संकेत दे चुके हैं।
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