उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने आर्थिक पिछड़ों को शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण पर मोहर लगा दिया है. यही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में मुगलसराय तहसील का नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय तहसील कर दिया गया है.
आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के केंद्र के फैसले पर यूपी सरकार ने भी मुहर लगा दी है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया. अब यूपी के शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरी में यह कानून लागू होगा.
उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के केंद्र को निर्णय को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में इस पर मुहर लगी. ऐसे में अब यूपी देश का छटवां ऐसा राज्य बन गया है, जिसने केंद्र के इस फैसले (जनरल कोटा) को लागू किया है.
आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने की सबसे पहले शुरुआत गुजरात ने की थी. इसके बाद तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल ने भी इसे मंजूरी दे दी थी. अब शुक्रवार को योगी सरकार ने भी इस पर मुहर लगा दी है.
बता दें कि आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस फीसदी आरक्षण देने का विधेयक केंद्र सरकार ने पास किया था. संसद के दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया था. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही यह कानून बन गया.
इस कानून को योगी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलते ही यूपी में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में लागू करने की कवायद शुरू हो गई है. योगी सरकार की ओर से प्रस्ताव बनाकर शुक्रवार को कैबिनेट में रखा गया था. मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि प्रस्ताव कैबिनेट में ले जाने से पहले न्याय, वित्त और समाज कल्याण विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की गई.
More Stories
Lokshakti ePaper 16 May 2024
epaper lokshakti-21-march-2024
epaper lokshakti-05-march-2024