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वाराणसी में तीसरी आंखों की नजर में दलालों की करतूत, अफसरों की आंखें बंद

सीसीटीवी कैमरा (सांकेतिक तस्वीर)

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काम में पारदर्शिता लाने के लिए वाराणसी जनपद के हरहुआ स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय को क्लोज सर्किट कैमरों से लैस किया गया है। मगर, इन कैमरों की निगरानी के बाद भी दलाल और लिपिकों में इसका खौफ नहीं है। जबकि पटल पर लंबी कतारों के बीच बेरोकटोक दलाल चक्कर काटते रहते हैं। मगर, जिम्मेदार अधिकारी इस पूरी मनमानी पर आंखे बंद किए रहते हैं।आरटीओ कार्यालय में सबसे अधिक विवाद और दलालों की दखल का आरोप टेस्ट शाखा पर लगता है। जहां रोज 250 लोगों को ऑनलाइन परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। इसमें दलालों के हस्तक्षेप से कुछ लोगों को पास भी कराया जाता है। जो रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद भी होता है। इसके अलावा पंजीयन और फिटनेस पटल पर पूरे दिन दलालों का कब्जा रहता है। एप के माध्यम से होने वाले फिटनेस को भी मैनुअल ही आगे बढ़ाया जा रहा है। आम आदमी को काम कराने में कड़ी मशक्कत
बता दें कि प्रतिदिन हजारों लोग लाइसेंस नवीनीकरण, डुप्लीकेट, स्थाई लाइसेंस, पंजीयन, फिटनेस, एनओसी सहित अन्य कामों के लिए संभागीय परिवहन कार्यालय पहुंचते हैं। मगर, दलालों के मजबूत चक्र होने के चलते आम आदमी को काम कराने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।टीवी स्क्रीन पर लाइव रहते हैं कैमरेआरटीओ, एआरटीओ और आरई के सामने टीवी स्क्रीन पर कैमरे लाइव रहते हैं। दो दर्जन से ज्यादा कैमरे हर पटल पर निगरानी करते हैं। मगर, यह महज खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया है। पिछले एक साल की बात करें तो इन कैमरों से एक भी दलाल चिह्नित नहीं किए जा सके हैं।

काम में पारदर्शिता लाने के लिए वाराणसी जनपद के हरहुआ स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय को क्लोज सर्किट कैमरों से लैस किया गया है। मगर, इन कैमरों की निगरानी के बाद भी दलाल और लिपिकों में इसका खौफ नहीं है। जबकि पटल पर लंबी कतारों के बीच बेरोकटोक दलाल चक्कर काटते रहते हैं। मगर, जिम्मेदार अधिकारी इस पूरी मनमानी पर आंखे बंद किए रहते हैं।

आरटीओ कार्यालय में सबसे अधिक विवाद और दलालों की दखल का आरोप टेस्ट शाखा पर लगता है। जहां रोज 250 लोगों को ऑनलाइन परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। इसमें दलालों के हस्तक्षेप से कुछ लोगों को पास भी कराया जाता है। जो रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद भी होता है। इसके अलावा पंजीयन और फिटनेस पटल पर पूरे दिन दलालों का कब्जा रहता है। एप के माध्यम से होने वाले फिटनेस को भी मैनुअल ही आगे बढ़ाया जा रहा है। 

आम आदमी को काम कराने में कड़ी मशक्कत

बता दें कि प्रतिदिन हजारों लोग लाइसेंस नवीनीकरण, डुप्लीकेट, स्थाई लाइसेंस, पंजीयन, फिटनेस, एनओसी सहित अन्य कामों के लिए संभागीय परिवहन कार्यालय पहुंचते हैं। मगर, दलालों के मजबूत चक्र होने के चलते आम आदमी को काम कराने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
टीवी स्क्रीन पर लाइव रहते हैं कैमरे
आरटीओ, एआरटीओ और आरई के सामने टीवी स्क्रीन पर कैमरे लाइव रहते हैं। दो दर्जन से ज्यादा कैमरे हर पटल पर निगरानी करते हैं। मगर, यह महज खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया है। पिछले एक साल की बात करें तो इन कैमरों से एक भी दलाल चिह्नित नहीं किए जा सके हैं।

दलालों पर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा। कार्यालय परिसर में प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित होगी। कार्रवाई के लिए पुलिस का सहयोग भी मांगा गया है। – सर्वेश कुमार चतुर्वेदी, एआरटीओ