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कोरोना का टीका लगा नहीं और मिल गया सर्टिफिकेट, मोबाइल पर मैसेज देख आवेदक हैरान

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इसे स्वास्थ्य महकमे की घोर लापरवाही कहें या मनमानी। कोविड-19 का टीका लगा नहीं और मोबाइल फोन पर कोविड-19 के टीके की पहली डोज लेने का मैसेज आ गया। यही नहीं टीका लगाने का बाकायदा सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया। संबंधित व्यक्ति ने जब इसकी शिकायत की तो स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। विभागीय अधिकारी इसे पोर्टल की गड़बड़ी मान रहे हैं।जौनपुर जिले के केराकत कस्बे के मोहल्ला नालापार निवासी कन्हैया लाल निषाद (62) के मोबाइल फोन पर मंगलवार को कोरोना टीका की पहली डोज लगने का मैसेज आया तो वह  हैरान हो गए। वे इस बात से हैरान हैं कि आखिर अभी तक टीका लगाने के लिए न तो उन्हें कहीं बुलाया गया और न हीं वह घर से कहीं बाहर निकले तो मोबाइल पर टीका लगने का मैसेज कैसे आ गया।कन्हैयालाल का कहना है कि उन्होंने पांच मार्च को कोविड वैक्सीन लगाने के लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदन कराया था।  वह टीका लगने का इंतजार ही कर रहे थे तभी 9 मार्च को दोपहर 2:31 बजे उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि आप को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक सफलता पूर्वक लग चुकी है।  जिसका ऑनलाइन  सर्टिफिकेट जारी होने का लिंक भी भेज दिया गया। उस लिंक से जब उन्होंने सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उसे देखकर उनकी हैरानी और भी बढ़ गई। सर्टिफिकेट पर बाकायदा उनका नाम, मोबाइल नंबर पैनकार्ड नंबर भी दर्ज है। सर्टिफिकेट के मुताबिक कन्हैयालाल को सीएचसी केराकत पर टीका लगाया गया और उन्हें चांदनी मौर्या ने टीका लगाया है। उस पर 28 दिन बाद अगला डोज लेने की जानकारी भी दर्ज की गई है। उन्हें कोविशील्ड नामक वैक्सीन दिए जाने की जानकारी सर्टिफिकेट में दर्ज है। 

इसे स्वास्थ्य महकमे की घोर लापरवाही कहें या मनमानी। कोविड-19 का टीका लगा नहीं और मोबाइल फोन पर कोविड-19 के टीके की पहली डोज लेने का मैसेज आ गया। यही नहीं टीका लगाने का बाकायदा सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया। संबंधित व्यक्ति ने जब इसकी शिकायत की तो स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। विभागीय अधिकारी इसे पोर्टल की गड़बड़ी मान रहे हैं।

जौनपुर जिले के केराकत कस्बे के मोहल्ला नालापार निवासी कन्हैया लाल निषाद (62) के मोबाइल फोन पर मंगलवार को कोरोना टीका की पहली डोज लगने का मैसेज आया तो वह  हैरान हो गए। वे इस बात से हैरान हैं कि आखिर अभी तक टीका लगाने के लिए न तो उन्हें कहीं बुलाया गया और न हीं वह घर से कहीं बाहर निकले तो मोबाइल पर टीका लगने का मैसेज कैसे आ गया।

कन्हैयालाल का कहना है कि उन्होंने पांच मार्च को कोविड वैक्सीन लगाने के लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदन कराया था।  वह टीका लगने का इंतजार ही कर रहे थे तभी 9 मार्च को दोपहर 2:31 बजे उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि आप को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक सफलता पूर्वक लग चुकी है।  

जिसका ऑनलाइन  सर्टिफिकेट जारी होने का लिंक भी भेज दिया गया। उस लिंक से जब उन्होंने सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उसे देखकर उनकी हैरानी और भी बढ़ गई। सर्टिफिकेट पर बाकायदा उनका नाम, मोबाइल नंबर पैनकार्ड नंबर भी दर्ज है। सर्टिफिकेट के मुताबिक कन्हैयालाल को सीएचसी केराकत पर टीका लगाया गया और उन्हें चांदनी मौर्या ने टीका लगाया है। उस पर 28 दिन बाद अगला डोज लेने की जानकारी भी दर्ज की गई है। उन्हें कोविशील्ड नामक वैक्सीन दिए जाने की जानकारी सर्टिफिकेट में दर्ज है।
 

पोर्टल की गड़बड़ी से ऐसा हुआ है। वैक्सीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते समय ही टीकाकरण की डेट मिल जाती है। पोर्टल में गड़बड़ी के चलते निर्धारित समय पर टीका के लिए उपस्थित न होने पर भी टीका लगने का मैसेज मोबाइल पर चला जा रहा है। ऐसी और भी शिकायतें मिली हैं। इसे उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। स्थानीय स्तर पर कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। 

डॉ. राकेश कुमार, सीएमओ।