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Editorial :- श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट का खतरा भारत में भी मंडरा रहा है

23 April 2019

तौहीद जमात पर शक, भारत के तामिलनाडू में है एक्टिव

>> श्रीलंका में जो सीरियल ब्लास्ट हुआ है  वह मुंबई में २६/११ सीरियल ब्लास्ट के जैसे ही है। २२ अप्रैल के लोकशक्ति के संपादकीय में इसकी विस्तार से चर्चा हो चुकी है।

>> संभावना है कि जो इस्लामिक संगठन  तौहीद जमात पर शक जाहिर किया जा रहा है श्रीलंका के ब्लास्ट में उसकी जड़ें भारत के तामिलनाडु में भी है।  इसलिये हम कह सकते हैं कि  ढ्ढस्ढ्ढस् और तौहीद जमात का खतरा भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक मंडरा रहा है।

>> इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार इस महीने की शुरुआत में भारत ने श्रीलंकाई अधिकारियों को विशिष्ट खुफिया सूचना दी थी कि वहां आतंकवादी हमला हो सकता है. पुलिस प्रमुख ने भारतीय उच्चायोग और चर्चों पर हमलों की चेतावनी देते हुए अपना 11 अप्रैल का राष्ट्रव्यापी अलर्ट भेजा था. अलर्ट में एक समूह का नाम दिया गया था, जिसे नेशनल तौहीद जमात कहा जाता है, जो विश्व को आतंक में झोकने वाले कट्टरपंथी वहाबी का प्रचार करता है।

>> भारत में यह इस्लामिक संगठन तामिलनाडू तौहीद जमात के नाम से सक्रिय है। यह संगठन श्रीलंका में २०१४ में चर्चा में आया जब इसके सचिव ने बौद्ध धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिये।

> तामिलनाडू में ढ्ढस्ढ्ढस्  की तस्वीर पहने हुए दो युवक गिरफ्तार हुए थे।

दिलचस्प बात है कि अपने चरम के दिनों में इस संगठन की अर्थव्यवस्था भारत के तमिलनाडु राज्य से भी बढ़ी थी। आईएस की राजधानी रक्का में आतंकी संगठन के पतन के बाद दुनिया भर से इस आतंकी संगठन से जुडऩे वालों युवाओं की दिलचस्पी कम हुई है।

परंतु आईएसआईएस अब सीरिया के अलावा विश्व के अन्य देशों में जहॉ पर कट्टरपंथी मुस्लिमों का प्रभाव है, भारत भी उनमें से एक है। वहॉ पर अपनी जड़ें जमा रहा है।

भारत के अनेक प्रांतों में केरल, उत्तराखण्ड  पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश राजस्थान, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और बिहार से  अनेक गिरफ्तारियां हो चुकी है.

>> भारत की चेतावनी को श्रीलंका ने किया था नजरअंदाज, क्करू विक्रमसिंघे ने मानी गलती।

>> संभावना है कि जो इस्लामिक संगठन  तौहीद जमात पर शक जाहिर किया जा रहा है श्रीलंका के ब्लास्ट में उसकी जड़ें भारत के तामिलनाडु में भी है।  इसलिये हम कह सकते हैं कि  ढ्ढस्ढ्ढस् और तौहीद जमात का खतरा भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक मंडरा रहा है।