Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

गर्भवती नाबालिग को सुरक्षित स्थान पर रखने का निर्देश, पिता से जताई हत्या की आशंका

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गर्भवती नाबालिग लड़की को बालिग होने तक नारी निकेतन के अलावा आगरा में सुरक्षित आश्रय गृह में रखने का निर्देश दिया है। ताकि वह अपने बच्चे के साथ सुरक्षित जीवन जी सके और जिला न्यायाधीश मथुरा से कहा है कि उसे महिला जज की निगरानी में रखा जाए। हर 15 दिन पर वह लड़की से मिलकर स्थिति का जायजा लेती रहें। 18 साल की उम्र होते ही लड़की को अपनी मर्जी से जहां चाहे जाने की छूट दी जाए। कोर्ट ने यह आदेश नाबालिग की ओर से ऑनर किलिंग की आशंका जताने पर दिया है।  बरसाना मथुरा की पीड़िता द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह दिया है। पीड़िता की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका उसके पिता ने दाखिल की है। कहा है कि आरोपी लक्ष्मण ने उसकी पुत्री का अपहरण कर भरतपुर, राजस्थान में रखा है। यह अवैध निरुद्धि है इसलिए  याची की मुक्ति की मांग में यह याचिका दाखिल की है।
कोर्ट ने कहा कि हाईस्कूल प्रमाणपत्र के अनुसार याची की उम्र 16 साल है। जबकि उसका कहना है कि वह 20 साल की है। पिता ने आयु कम लिखाई है। कोर्ट ने मेडिकल जांच कराने से इंकार कर दिया और कहा कि जहां आयु प्रमाणपत्र हो, वहां आयु निर्धारित करने के लिए मेडिकल जांच की आवश्यकता नहीं होती।
कोर्ट ने कहा कि लड़की ने बयान दिया है कि यदि उसे पिता के साथ जाने को कहा गया तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। कानूनन नाबालिग की अभिरक्षा माता-पिता को सौंपी जानी चाहिए। किंतु ऑनर किलिंग की आशंका को देखते हुए पिता को अभिरक्षा नहीं दी जा सकती और उसे पिता की पहुंच से दूर सुरक्षित आश्रय गृह में रखा जाए।कोर्ट ने कहा कि याची का पति लक्ष्मण उसके अपहरण केस में अभियुक्त है। ऐसे में उसी की बहन के घर में उसे नहीं रखा जा सकता। बाल कल्याण समिति ने बेहतर देखभाल के लिए लड़की की इच्छा पर अभियुक्त की बहन के साथ रहने की उसे छूट दी थी। पिता ने अपहरण का केस दर्ज किया है। जिसमें लक्ष्मण सहित तीन लोगों पर आरोप लगाया है। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। याची 18 मार्च  20 से लापता थी। जिसकी बरामदगी कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां उसने अपनी मर्जी से लक्ष्मण से विवाह करने का बयान दिया था।हाईकोर्ट ने लड़की को पेश करने का निर्देश दिया था। मगर एसपी मथुरा ने बताया राजस्थान में परिवार के साथ रह रही है। जब ला रहे थे तो गर्भवती होने के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसपर कोर्ट ने जिला जज को एक महिला जज को लड़की का बयान लेने के लिए भेजने का आदेश दिया। जज अर्चना वार्ष्णेय ने राजस्थान जाकर लड़की से मुलाकात की और रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा कि याची की बेहतर देखभाल हो रही है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गर्भवती नाबालिग लड़की को बालिग होने तक नारी निकेतन के अलावा आगरा में सुरक्षित आश्रय गृह में रखने का निर्देश दिया है। ताकि वह अपने बच्चे के साथ सुरक्षित जीवन जी सके और जिला न्यायाधीश मथुरा से कहा है कि उसे महिला जज की निगरानी में रखा जाए। हर 15 दिन पर वह लड़की से मिलकर स्थिति का जायजा लेती रहें। 18 साल की उम्र होते ही लड़की को अपनी मर्जी से जहां चाहे जाने की छूट दी जाए। कोर्ट ने यह आदेश नाबालिग की ओर से ऑनर किलिंग की आशंका जताने पर दिया है। 

 बरसाना मथुरा की पीड़िता द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह दिया है। पीड़िता की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका उसके पिता ने दाखिल की है। कहा है कि आरोपी लक्ष्मण ने उसकी पुत्री का अपहरण कर भरतपुर, राजस्थान में रखा है। यह अवैध निरुद्धि है इसलिए  याची की मुक्ति की मांग में यह याचिका दाखिल की है।

allahabad high court
– फोटो : social media

कोर्ट ने कहा कि हाईस्कूल प्रमाणपत्र के अनुसार याची की उम्र 16 साल है। जबकि उसका कहना है कि वह 20 साल की है। पिता ने आयु कम लिखाई है। कोर्ट ने मेडिकल जांच कराने से इंकार कर दिया और कहा कि जहां आयु प्रमाणपत्र हो, वहां आयु निर्धारित करने के लिए मेडिकल जांच की आवश्यकता नहीं होती।
कोर्ट ने कहा कि लड़की ने बयान दिया है कि यदि उसे पिता के साथ जाने को कहा गया तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। कानूनन नाबालिग की अभिरक्षा माता-पिता को सौंपी जानी चाहिए। किंतु ऑनर किलिंग की आशंका को देखते हुए पिता को अभिरक्षा नहीं दी जा सकती और उसे पिता की पहुंच से दूर सुरक्षित आश्रय गृह में रखा जाए।कोर्ट ने कहा कि याची का पति लक्ष्मण उसके अपहरण केस में अभियुक्त है। ऐसे में उसी की बहन के घर में उसे नहीं रखा जा सकता। बाल कल्याण समिति ने बेहतर देखभाल के लिए लड़की की इच्छा पर अभियुक्त की बहन के साथ रहने की उसे छूट दी थी। पिता ने अपहरण का केस दर्ज किया है। जिसमें लक्ष्मण सहित तीन लोगों पर आरोप लगाया है। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। याची 18 मार्च  20 से लापता थी। जिसकी बरामदगी कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां उसने अपनी मर्जी से लक्ष्मण से विवाह करने का बयान दिया था।हाईकोर्ट ने लड़की को पेश करने का निर्देश दिया था। मगर एसपी मथुरा ने बताया राजस्थान में परिवार के साथ रह रही है। जब ला रहे थे तो गर्भवती होने के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसपर कोर्ट ने जिला जज को एक महिला जज को लड़की का बयान लेने के लिए भेजने का आदेश दिया। जज अर्चना वार्ष्णेय ने राजस्थान जाकर लड़की से मुलाकात की और रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा कि याची की बेहतर देखभाल हो रही है।