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Sultanpur news : ऑनलाइन बिक रहा गोबर से बना लट्ठ, जानिए कीमत और खासियत

असगर, सुलतानपुरउत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में गौ संरक्षण को लेकर काम करने वाले एक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार गाय के गोबर का लट्ठ अब इंटरनेशनल ऑनलाइन मार्केट में बिकने लगा है। जिले के हलियापुर में बनी वृहद गोशाला में गाय के गोबर से तैयार हुई इस लट्ठ की ब्रांडिंग के लिए लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इसका प्रदर्शन हुआ। ऑनलाइन मौजूद एक लट्ठ की कीमत 129 रूपए रखी गई है, साथ ही डिलेवरी फ्री की गई है।विकास विभाग के सहयोग से तैयार की गयी मशीनसुल्तानपुर-अयोध्या जिले की सीमा पर स्थित हलियापुर ग्राम पंचायत की गोशाला में महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह ने विकास विभाग के सहयोग से ऐसी मशीन तैयार की जो गोबर, कोयला और धान की डंठल के कतरन से लट्ठ तैयार करने लगी। इसका बाजार में अलाव और तंदूर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने लगा। शव के अंतिम संस्कार में परम पवित्र गोबर की यह लकड़ी भी इस्तेमाल की जा रही ह। आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि, इसमें विषाणु और जीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता तक दर्शायी गई है।सीडीओ बोले ऑनलाइन बुकिंग के जरिए दिया जा सकता है आर्डरसीडीओ अतुल वत्स ने बताया कि हलियापुर गौशाला में संत रविदास स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लट्ठ तैयार किया गया। गोशाला में करीब साढ़े 7 सौ गाय पंजीकृत रूप से रखी गई हैं। उन्होंने बताया कि बीते दिनों ग्रामीण विकास मंत्री मोती सिंह ने स्वयं समूह द्वारा निर्मित इस अनोखी देसी उत्पाद को तैयार करने के लिए बधाई दी और हौसला अफजाई की। सीडीओ अतुल वत्स ने जानकारी दी कि, ऑनलाइन बुकिंग के जरिए बल्दीराय ब्लाक क्षेत्र के हलियापुर की गोबर लकड़ी का आर्डर दिया व लिया जा सकता है।गोबर-कोयला और पैरा के संयुक्त मिश्रण से बनाया जाता है लट्ठतत्कालीन प्रधान पति हलियापुर अखंड प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से गोबर की लकड़ी तैयार की जाती है। मशीन में गोबर कोयला और पैरा के संयुक्त मिश्रण से लट्ठ बनाया जाता है। इससे महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां 700 से अधिक गौशाला में गायें हैं। इनके गोबर का इस्तेमाल किया जा रहा है। गौशाला में अब तक केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई राज्यमंत्री आ चुके हैं।