Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Noida Coronavirus news: अब नहीं खाने होंगे धक्के… नोएडा के किस अस्पताल में कितने बेड खाली, बस एक क्लिक पर मिलेगी हर जानकारी

हाइलाइट्स:मंगलवार से शहर के अस्पतालों को अपने यहां बेड का हिसाब-किताब जिला प्रशासन की ओर से तैयार किए स्पेशल पोर्टल पर अपडेट करना होगाइस सुविधा को पूरी तरह रुटीन में आने में एक-दो दिन लग सकते हैं लेकिन इससे लोगों को खाली बेड की जानकारी आसानी से मिल सकेगी सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश दिया था सभी अस्पताल हर रोज अपने खाली बेड का डेटा जारी करेंगेनोएडानोएडा में पिछले कुछ दिन से कोरोना के मरीजों के लिए बेड खाली होने की जानकारी लेने और गंभीर मरीजों को भर्ती कराने में दिन-रात धक्के खा रहे लोगों के लिए राहत की खबर है। मंगलवार से शहर के अस्पतालों को अपने यहां बेड का हिसाब-किताब जिला प्रशासन की ओर से तैयार किए स्पेशल पोर्टल पर अपडेट करना होगा। इस सुविधा को पूरी तरह रुटीन में आने में एक-दो दिन लग सकते हैं लेकिन इससे लोगों को खाली बेड की जानकारी के लिए धक्कामुक्की की स्थिति काफी कंट्रोल होगी। अब देखना ये है इस नई व्यवस्था में जिला प्रशासन पोर्टल पर सिर्फ खाली बेड की जानकारी मात्र उपलब्ध करा पाता है य़ा फिर मरीज को उसकी प्राथमिकता के आधार पर भर्ती करने की व्यवस्था को भी लागू करा पाता है।सीएम ने दिया था आदेश कई दिन पहले प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश दिया था कोरोना के मरीजों के लिए बेड को लेकर मची अव्यवस्था व मारामारी को नियंत्रित करने के लिए सभी अस्पताल हर रोज अपने खाली बेड का डेटा जारी करेंगे। इसी निर्देश का पालन कराने के लिए पिछले कई दिन से जिला प्रशासन नया पोर्टल तैयार कराने की मशक्कत में लगा हुआ था। अब जैसे ही डेटा अपडेशन शुरू होता है इसे पब्लिक के लिए खोल दिया जाएगा। लोग अपने घर बैठे मोबाइल में चेक कर सकेंगे कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं, कितने नए मरीज भर्ती हुए और कितने डिस्चार्ज हुए। अभी स्थिति ये है कि लोग दिन-रात दौड़ रहे हैं और अस्पताल सिर्फ यही बोलते हैं कि उनके यहां बेड नहीं हैं। आरोप है कि अस्पताल मनमर्जी व अपनी प्राथमिकता के हिसाब से मरीजों को भर्ती करते हैं। आम जरूरतमंद गंभीर मरीजों को बेड मिलना बेहद मुश्किल बना हुआ है।डेटा अपडेट करने में पारदर्शिता चाहते हैं लोगशहर के लोग चाहते हैं अस्पतालों के बेड का हिसाब डेटा पोर्टल पर पूरी पारदर्शिता के साथ अपडेट होना चाहिए। बेड की सिर्फ गिनती नहीं बल्कि यह भी अपडेट हो कि जिन्हें भर्ती किया है उनकी मेडिकल कंडीशन क्या है। लोगों का कहना है कि सिर्फ बेड की संख्या अपडेट होगी तो बेड मिलने को लेकर अभी के जैसी मारामारी जस की तस बनी रहेगी।जिला स्तर पर गाइडलाइंस की जरूरतअस्पतालों में कोरोना के मरीजों को भर्ती करने को लेकर जिला स्तर पर लोकल गाइडलाइंस की बेहद जरूरत है। शहर की एओए, आरडब्ल्यूए, तमाम संगठन व शहर के एक्टिव लोग दिन-रात सोशल मीडिया पर आवाज उठा रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग को शहर के अस्पतालों में संक्रमित मरीज भर्ती होने के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस जारी करनी चाहिए। इसमें साफ लिखा हो कि किस कैटिगरी के मरीज को अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक हैं और किन्हें नहीं। इससे अस्पतालों पर भी भर्ती का दबाव कम होगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकेगी।सुझाव: पोर्टल पर ये जानकारी भी मिले- अगर कोई अस्पताल मरीज के परिजनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने के लिए बोलता है तो वह पोर्टल पर इसकी शिकायत कर सके। किस अस्पताल को कितने रेमडेसिविर चाहिए और कितने उपलब्ध कराए गए। यह अपडेट होना चाहिए।- अधिकृत ऐसी लैब व सेंटर जहां लोग कोरोना का टेस्ट करा सकें। ये डेटा अपडेट हो। अभी इस जानकारी को जुटाने में भी लोगों का समय बर्बाद हो रहा है।-आईजीआरएस की तर्ज पर ऐसी व्यवस्था पोर्टल पर हो जहां लोग अपनी दिक्कत बता सकें और संबंधित लोग उसका समाधान करा सके। अभी सुबह से शाम तक लोग दिन भर नोडल जिम्मेदारों के फोन मिलाते रहते हैं लेकिन 95 प्रतिशत का फोन नहीं उठता है।सांकेतिक तस्‍वीर