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राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य हटाए गए

शाहजहांपुर। आरोपों से घिरे राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. अभय सिन्हा का तबादला कर दिया गया। उनकी जगह राजकीय मेडिकल कॉलेज आजमगढ़ के उप प्राचार्य डॉ राजेश कुमार को प्राचार्य बनाया गया है। बृहस्पतिवार को उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया।डा. अभय सिन्हा ने तकरीबन तीन साल पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कार्यभार संभाला था। पूरे कार्यकाल के दौरान डा. अभय विवादों में घिरे रहे। कर्मचारियों पर हाथ उठाने में भी संकोच नहीं करते थे। इसी वजह से कई बार कर्मचारी संगठनों के आक्रोश के बाद उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी। अभद्रता के कारण आए दिन तीमारदार और संगठन हंगामा करते रहते थे। प्राचार्य के खिलाफ कई ज्ञापन भी दिए गए थे। इन सब बातों को प्रशासन लंबे समय से मॉनीटर कर रहा था। इस वर्ष कोरोना संक्रमण फैलने पर भी प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्थितियों को नियंत्रित नहीं कर पाए। आए दिन शिकायतें प्रशासन तक पहुंच रहीं थीं। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी मेडिकल कॉलेज की समस्याओं का संज्ञान लिया था। प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश की अवहेलना भी लगातार करते रहे। प्रशासनिक उच्चाधिकरियों ने इसकी जांच रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इसके बाद शासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज से हटाते हुए मेडिकल कॉलेज सैफई से संबद्ध कर दिया है।-तीसरी लहर से निपटने की तैयारी प्राथमिकता : डॉ राजेशशाहजहांपुर। राजकीय मेडिकल कॉलेज के नए प्राचार्य डॉ राजेश कुमार ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण किए जाने को अपनी प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि उनका फोकस टीम मैनेजमेंट पर रहेगा। मेडिकल कॉलेज में आईसीयू, पीआईसीयू, ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोशिश की जाएगी कि प्रत्येक दवा राजकीय मेडिकल कॉलेज में मौजूद हो। मेडिकल कॉलेज में हर मर्ज का इलाज संभव हो सके, इस पर भी फोकस किया जाएगा। मूलरूप से आगरा के रहने वाले राजेश कुमार ने 1991 में एसएनएमसी, आगरा से एमबीबीएस और 2001 में एमडी पीडियाट्रिक की डिग्री हासिल की। वह आगरा, झांसी और आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज में कार्यरत रहे हैं। संवाद

शाहजहांपुर। आरोपों से घिरे राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. अभय सिन्हा का तबादला कर दिया गया। उनकी जगह राजकीय मेडिकल कॉलेज आजमगढ़ के उप प्राचार्य डॉ राजेश कुमार को प्राचार्य बनाया गया है। बृहस्पतिवार को उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया।

डा. अभय सिन्हा ने तकरीबन तीन साल पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कार्यभार संभाला था। पूरे कार्यकाल के दौरान डा. अभय विवादों में घिरे रहे। कर्मचारियों पर हाथ उठाने में भी संकोच नहीं करते थे। इसी वजह से कई बार कर्मचारी संगठनों के आक्रोश के बाद उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी। अभद्रता के कारण आए दिन तीमारदार और संगठन हंगामा करते रहते थे। प्राचार्य के खिलाफ कई ज्ञापन भी दिए गए थे। इन सब बातों को प्रशासन लंबे समय से मॉनीटर कर रहा था। इस वर्ष कोरोना संक्रमण फैलने पर भी प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्थितियों को नियंत्रित नहीं कर पाए। आए दिन शिकायतें प्रशासन तक पहुंच रहीं थीं। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी मेडिकल कॉलेज की समस्याओं का संज्ञान लिया था। प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश की अवहेलना भी लगातार करते रहे। प्रशासनिक उच्चाधिकरियों ने इसकी जांच रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इसके बाद शासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज से हटाते हुए मेडिकल कॉलेज सैफई से संबद्ध कर दिया है।

-शाहजहांपुर। राजकीय मेडिकल कॉलेज के नए प्राचार्य डॉ राजेश कुमार ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण किए जाने को अपनी प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि उनका फोकस टीम मैनेजमेंट पर रहेगा। मेडिकल कॉलेज में आईसीयू, पीआईसीयू, ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोशिश की जाएगी कि प्रत्येक दवा राजकीय मेडिकल कॉलेज में मौजूद हो। मेडिकल कॉलेज में हर मर्ज का इलाज संभव हो सके, इस पर भी फोकस किया जाएगा। मूलरूप से आगरा के रहने वाले राजेश कुमार ने 1991 में एसएनएमसी, आगरा से एमबीबीएस और 2001 में एमडी पीडियाट्रिक की डिग्री हासिल की। वह आगरा, झांसी और आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज में कार्यरत रहे हैं। संवाद