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दो माह में खा डालीं पैरासिटामॉल की 50 लाख से अधिक गोलियां

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बुखार की दवा पैरासिटामॉल की 50 लाख से अधिक गोलियां खप गईं। अप्रैल और मई के महीने में ये सिर्फ सरकारी अस्पतालों, कोविड अस्पतालों और होम आइसोलेशन में रहे मरीजों को ही नहीं दी गईं बल्कि कोविड की जांच कराने वाले पांच लाख से अधिक लोगों ने संक्रमण के खौफ में पैरासिटामॉल खाई है। दवा व्यवसायी बिक्री का सही आंकड़ा देने से कतराते हैं, लेकिन बड़े दवा स्टाकिस्ट बताते हैं कि पैरासिटामॉल की रिकार्ड बिक्री हुई। यही नहीं 650 एमजी की पैरासीटामॉल की गोलियां करीब आठ दिन थोक बाजार से गायब रहीं।
मार्च में 20 तारीख के बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हुई थी। एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक 41013 संक्रमित मिले थे। वहीं मई महीने में संक्रमितों की संख्या 6030 दर्ज की गई। इन दो महीनों में पांच लाख 39 हजार से अधिक लोगों ने कोविड जांच कराई। संक्रमण की बढ़ती दर के बीच संक्रमितों और कोविड जांच कराने वालों ने ही नहीं, अन्य लोगों ने भी बुखार नहीं हरारत महसूस होने पर पर पैरासिटामॉल की गोलियां खाईं। संक्रमितों ने तो दिन में तीन बार पांच दिन तक 15 गोलियां खाईं। अन्य लोगों ने कम से कम तीन दिन पैरासिटामॉल की गोलियां खाईं।
स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन में रहे जिन 42 हजार संक्रमितों को दवाओं के पैकेट दिए, उनमें हर पैकेट में पैरासिटामॉल की 15 गोलियां रखी गईं। साफ है कि 6.30 लाख पैरासिटामॉल की गोलियां वितरित की गईं। कोविड अस्पतालों में सवा लाख गोलियों की खपत हुई। अस्पतालों में पैरासिटामॉल के इंजेक्शन भी इस्तेमाल किए गए। कोविड की जांच कराने वालों ने सामान्य लक्षण दिखने पर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी पैरासिटामॉल की गोलियां तीन दिन तक खाईं। सिर्फ कोविड जांच कराने वालों ने ही 50 लाख से अधिक पैरासिटामॉल की गोलियां खा डालीं। सामान्य लोगों ने भी चिकित्सकों की सलाह पर सुरक्षित माने जानी वाली पैरासिटामॉल की गोलियां खाईं हैं।
आइवरमैक्टीन, डॉक्सी, एजिथ्रोमाइसिन, विटामिन सी, डी थ्री की भी लाखों में खपत
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सिर्फ होम आइसोलेशन में रहे मरीजों ने पैरासिटामॉल के साथ अन्य दवाओं की गोलियां का सेवन किया। इसमें आइवरमैक्टीन की तीन-तीन, डॉक्सी, एजिथ्रोमाइसिन, विटामिन सी, विटामिन डी थ्री की पांच-पांच गोलियां अनिवार्य रूप से खाईं। अस्पतालों में भर्ती के साथ सक्रिय और संदिग्ध मरीजों ने भी इन दवाओं की गोलियां खाई हैं। इन दवाओं की भी लाखों गोलियों की खपत हुई है।अप्रैल और मई में 42 हजार से अधिक लोगों को दवाओं के पैकेट वितरित किए गए। हर पैकेट में पैरासिटामॉल की 15-15 गोलियां रखी गईं थीं। अभी शासन की गाइड लाइन के मुताबिक दवाओं के पैकेट में पैरासिटामॉल के साथ आइवरमैक्टीन, डॉक्सी, एजिथ्रोमाइसिन, विटामिन सी और डी की गोलियां रखी जा रही हैं। आरआरटी टीमें होम आइसोलेशन में रहने वालों को दवाओं के पैकेट पहुंचाने में लगी रहीं। सरकारी कोविड अस्पतालों में इन दवाओं की उपलब्धता कराई गई। – डॉ. प्रभाकर राय, सीएमओ प्रयागराजकोरोना संक्रमण काल में पैरासिटामॉल सर्वाधिक बिक्री वाली दवा रही। थोक में इसकी बिक्री कम जरूर हुई है, पर रुकी नहीं है। फुटकर विक्रेता अब भी पैरासिटामॉल की 500 और 650 एमजी की दवाएं ले रहे हैं। – अनिल दुबे, अध्यक्ष केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बुखार की दवा पैरासिटामॉल की 50 लाख से अधिक गोलियां खप गईं। अप्रैल और मई के महीने में ये सिर्फ सरकारी अस्पतालों, कोविड अस्पतालों और होम आइसोलेशन में रहे मरीजों को ही नहीं दी गईं बल्कि कोविड की जांच कराने वाले पांच लाख से अधिक लोगों ने संक्रमण के खौफ में पैरासिटामॉल खाई है। दवा व्यवसायी बिक्री का सही आंकड़ा देने से कतराते हैं, लेकिन बड़े दवा स्टाकिस्ट बताते हैं कि पैरासिटामॉल की रिकार्ड बिक्री हुई। यही नहीं 650 एमजी की पैरासीटामॉल की गोलियां करीब आठ दिन थोक बाजार से गायब रहीं।

मार्च में 20 तारीख के बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हुई थी। एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक 41013 संक्रमित मिले थे। वहीं मई महीने में संक्रमितों की संख्या 6030 दर्ज की गई। इन दो महीनों में पांच लाख 39 हजार से अधिक लोगों ने कोविड जांच कराई। संक्रमण की बढ़ती दर के बीच संक्रमितों और कोविड जांच कराने वालों ने ही नहीं, अन्य लोगों ने भी बुखार नहीं हरारत महसूस होने पर पर पैरासिटामॉल की गोलियां खाईं। संक्रमितों ने तो दिन में तीन बार पांच दिन तक 15 गोलियां खाईं। अन्य लोगों ने कम से कम तीन दिन पैरासिटामॉल की गोलियां खाईं।

संक्रमण की दूसरी लहर में सिर्फ होम आइसोलेशन में रहे मरीजों ने पैरासिटामॉल के साथ अन्य दवाओं की गोलियां का सेवन किया। इसमें आइवरमैक्टीन की तीन-तीन, डॉक्सी, एजिथ्रोमाइसिन, विटामिन सी, विटामिन डी थ्री की पांच-पांच गोलियां अनिवार्य रूप से खाईं। अस्पतालों में भर्ती के साथ सक्रिय और संदिग्ध मरीजों ने भी इन दवाओं की गोलियां खाई हैं। इन दवाओं की भी लाखों गोलियों की खपत हुई है।अप्रैल और मई में 42 हजार से अधिक लोगों को दवाओं के पैकेट वितरित किए गए। हर पैकेट में पैरासिटामॉल की 15-15 गोलियां रखी गईं थीं। अभी शासन की गाइड लाइन के मुताबिक दवाओं के पैकेट में पैरासिटामॉल के साथ आइवरमैक्टीन, डॉक्सी, एजिथ्रोमाइसिन, विटामिन सी और डी की गोलियां रखी जा रही हैं। आरआरटी टीमें होम आइसोलेशन में रहने वालों को दवाओं के पैकेट पहुंचाने में लगी रहीं। सरकारी कोविड अस्पतालों में इन दवाओं की उपलब्धता कराई गई। – डॉ. प्रभाकर राय, सीएमओ प्रयागराजकोरोना संक्रमण काल में पैरासिटामॉल सर्वाधिक बिक्री वाली दवा रही। थोक में इसकी बिक्री कम जरूर हुई है, पर रुकी नहीं है। फुटकर विक्रेता अब भी पैरासिटामॉल की 500 और 650 एमजी की दवाएं ले रहे हैं।