गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने सोमवार को यहां कहा कि विकास के नाम पर विनाश कतई मंजूर नहीं है। काशी में विकास के नाम पर जो हुआ, वह गलत है। धर्म की नगरी काशी में हजारों साल पुराने विग्रह, जो यहां स्थापित थे, उन्हें हटाना नहीं चाहिए था। लोगों को इसका विरोध करना चाहिए।महंत यति नरसिंहानंद निर्जला एकादशी पर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे थे। महंत ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र की स्थिति देखकर मन दहल गया। जहां कभी सैकड़ों साल पुराने मंदिर हुआ करते थे, विग्रह थे, आज वहां लोगों की आवाजाही है। सैकड़ों साल पुराने मंदिर, विग्रहों और मूर्तियों को हटा दिया गया। हर विग्रह का अपना महत्व था, उनको हटाना नहीं चाहिए था।विश्वनाथ मंदिर परिसर में जहां हम खड़े थे, मुझे बताया गया कि वहां कभी बद्री विशाल का मंदिर था। मैं तो महादेव के दर्शन के लिए आया था। महादेव का पुजारी हूं। बहुत पीड़ादायक है, जो हो रहा है। यहां जिस तरह से मंदिरों को हटाया गया, वह ठीक नहीं है।
महंत ने कहा, हमारे पास दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक थी। हमने बहुत सी इमारतें बनाई हैं, जिनका पूरी दुनिया लोहा मानती है। तकनीक का सहारा लेकर सैकड़ों साल पुराने मंदिरों को व्यवस्थित किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यहां जैसा हो रहा है, वैसा कहीं नहीं होता है। महंत ने कहा कि धर्म की नगरी काशी में विनाश किया जा रहा है। लोगों को महादेव द्वारा स्थापित नगरी काशी में धर्म की रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए।
काशी के धर्माचार्यों से गुहार लगाने आए हैं कि वो आगे आकर हमारी रक्षा करें। गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर जिले में हम लोगों का जीना दूभर हो गया महंत ने कहा कि डासना में मैं जहां रहता हूं वहां एक धर्म विशेष के लोगों ने जीना दूभर कर दिया है। गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर जिले में हम लोगों का जीना दूभर हो गया है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो हम बच नहीं पाएंगे। हम काशी के धर्माचार्यों से गुहार लगाने आए हैं कि वो आगे आकर हमारी रक्षा करें और मदद करें। अयोध्या में जमीन खरीद फरोख्त में गड़बड़ी के सवाल पर कहा कि अगले हफ्ते अयोध्या जाऊंगा, वस्तुस्थिति के अनुसार ही कुछ कहूंगा।
जनसंख्या नियंत्रण पर प्रदेश सरकार की तरफ से कानून लाने की पहल पर महंत यति नरसिंहानंद ने कहा कि यह सीएम योगी की अच्छी पहल है। इससे भी सख्त कानून की जरूरत है। सरकार की ओर से दो बच्चों के कानून बनाने की पहल का स्वागत है लेकिन कानून इससे भी हजार गुना और सख्त होना चाहिए।
जियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने सोमवार को यहां कहा कि विकास के नाम पर विनाश कतई मंजूर नहीं है। काशी में विकास के नाम पर जो हुआ, वह गलत है। धर्म की नगरी काशी में हजारों साल पुराने विग्रह, जो यहां स्थापित थे, उन्हें हटाना नहीं चाहिए था। लोगों को इसका विरोध करना चाहिए।
महंत यति नरसिंहानंद निर्जला एकादशी पर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे थे। महंत ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र की स्थिति देखकर मन दहल गया। जहां कभी सैकड़ों साल पुराने मंदिर हुआ करते थे, विग्रह थे, आज वहां लोगों की आवाजाही है। सैकड़ों साल पुराने मंदिर, विग्रहों और मूर्तियों को हटा दिया गया। हर विग्रह का अपना महत्व था, उनको हटाना नहीं चाहिए था।
विश्वनाथ मंदिर परिसर में जहां हम खड़े थे, मुझे बताया गया कि वहां कभी बद्री विशाल का मंदिर था। मैं तो महादेव के दर्शन के लिए आया था। महादेव का पुजारी हूं। बहुत पीड़ादायक है, जो हो रहा है। यहां जिस तरह से मंदिरों को हटाया गया, वह ठीक नहीं है।
महंत ने कहा, हमारे पास दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक थी। हमने बहुत सी इमारतें बनाई हैं, जिनका पूरी दुनिया लोहा मानती है। तकनीक का सहारा लेकर सैकड़ों साल पुराने मंदिरों को व्यवस्थित किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यहां जैसा हो रहा है, वैसा कहीं नहीं होता है। महंत ने कहा कि धर्म की नगरी काशी में विनाश किया जा रहा है। लोगों को महादेव द्वारा स्थापित नगरी काशी में धर्म की रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए।
काशी के धर्माचार्यों से गुहार लगाने आए हैं कि वो आगे आकर हमारी रक्षा करें। गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर जिले में हम लोगों का जीना दूभर हो गया महंत ने कहा कि डासना में मैं जहां रहता हूं वहां एक धर्म विशेष के लोगों ने जीना दूभर कर दिया है। गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर जिले में हम लोगों का जीना दूभर हो गया है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो हम बच नहीं पाएंगे। हम काशी के धर्माचार्यों से गुहार लगाने आए हैं कि वो आगे आकर हमारी रक्षा करें और मदद करें। अयोध्या में जमीन खरीद फरोख्त में गड़बड़ी के सवाल पर कहा कि अगले हफ्ते अयोध्या जाऊंगा, वस्तुस्थिति के अनुसार ही कुछ कहूंगा।
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