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चार दिन से गायब किराना व्यापारी ने लखनऊ में की आत्महत्या, फंदे पर लटका मिला शव 

चार दिन से लापता वाराणसी के मीरघाट निवासी किराना व्यापारी अमित छपरहिया (35) ने लखनऊ चारबाग स्थित होटल में बृहस्पतिवार रात फंदे पर लटकर जान दे दी। सुबह सूचना मिलते ही परिजन लखनऊ रवाना हुए। मंगलवार सुबह टेढ़ीनीम स्थित किराना दुकान से गायब अमित की गुमशुदगी परिजनों ने दशाश्वमेध थाने में दर्ज कराई थी।अंतिम बार पुलिस की खोजबीन में अमित की लोकेशन कैंट स्थित रोडवेज पर मिली थी। इसके बाद उसका पता नहीं चल सका था। परिजन हैरान और परेशान हैं कि अविवाहित अमित की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, किसी से कर्ज भी नहीं लिया था और दुकान भी अच्छी चल रही थी तो अचानक ऐसा कदम क्यों उठाया।बिहार का मूल निवासी अमित 20 साल पहले बनारस के मीरघाट में आकर बस गया था। पांच भाइयों में सबसे छोटा अमित बांसफाटक स्थित टेढ़ीनीम में अपनी किराना की दुकान चलाता था। बडे़े भाई संजय के अनुसार मंगलवार सुबह दुकान खुली तो अमित आकर बैठा। इसके कुछ ही देर बाद कहा कि थोड़ी देर में आ रहे हैं। शाम तक नहीं लौटा, मोबाइल पर फोन किया तो बंद मिला। दोस्तों और परिचित दुकानदारों से भी पूछताछ की गई तो किसी को कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद बुधवार को दशाश्वमेध थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई।
पुलिस खोजबीन में जुटी तो अंतिम बार उसकी लोकेशन कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर मिली। यहां फुटेज में दिखा भी। हालांकि उसके बाद कोई लोकेशन नहीं मिली। अमित के रिश्तेदार श्रीनारायण खेमका ने बताया कि काफी सीधा और सज्जन अमित की किसी से अनबन तक नहीं हुई थी। जब वह गायब हुआ तो उसके जेब में आठ से दस हजार रुपये और सिर्फ एक गमछा था। चारबाग स्थित एक होटल में ठहरा था, 18 घंटे से अधिक समय तक दरवाजा नहीं खुला और संचालक ने रूम खुलवाया तो फंदे पर अमित लटका हुआ था।

चार दिन से लापता वाराणसी के मीरघाट निवासी किराना व्यापारी अमित छपरहिया (35) ने लखनऊ चारबाग स्थित होटल में बृहस्पतिवार रात फंदे पर लटकर जान दे दी। सुबह सूचना मिलते ही परिजन लखनऊ रवाना हुए। मंगलवार सुबह टेढ़ीनीम स्थित किराना दुकान से गायब अमित की गुमशुदगी परिजनों ने दशाश्वमेध थाने में दर्ज कराई थी।

अंतिम बार पुलिस की खोजबीन में अमित की लोकेशन कैंट स्थित रोडवेज पर मिली थी। इसके बाद उसका पता नहीं चल सका था। परिजन हैरान और परेशान हैं कि अविवाहित अमित की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, किसी से कर्ज भी नहीं लिया था और दुकान भी अच्छी चल रही थी तो अचानक ऐसा कदम क्यों उठाया।

बिहार का मूल निवासी अमित 20 साल पहले बनारस के मीरघाट में आकर बस गया था। पांच भाइयों में सबसे छोटा अमित बांसफाटक स्थित टेढ़ीनीम में अपनी किराना की दुकान चलाता था। बडे़े भाई संजय के अनुसार मंगलवार सुबह दुकान खुली तो अमित आकर बैठा। इसके कुछ ही देर बाद कहा कि थोड़ी देर में आ रहे हैं। शाम तक नहीं लौटा, मोबाइल पर फोन किया तो बंद मिला। दोस्तों और परिचित दुकानदारों से भी पूछताछ की गई तो किसी को कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद बुधवार को दशाश्वमेध थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई।

पुलिस खोजबीन में जुटी तो अंतिम बार उसकी लोकेशन कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर मिली। यहां फुटेज में दिखा भी। हालांकि उसके बाद कोई लोकेशन नहीं मिली। अमित के रिश्तेदार श्रीनारायण खेमका ने बताया कि काफी सीधा और सज्जन अमित की किसी से अनबन तक नहीं हुई थी। जब वह गायब हुआ तो उसके जेब में आठ से दस हजार रुपये और सिर्फ एक गमछा था। चारबाग स्थित एक होटल में ठहरा था, 18 घंटे से अधिक समय तक दरवाजा नहीं खुला और संचालक ने रूम खुलवाया तो फंदे पर अमित लटका हुआ था।