रेलवे के इंजीनियरिंग अनुुुभाग की लापरवाही से बिलपुर और टिसुआ के बीच पटरी धंस जाने की वजह से जम्मूतवी सियालदह एक्सप्रेस पलटने से बच गई। मुरादाबाद के मंडल अधिकारियों ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।दिल्ली-लखनऊ रेलमार्ग पर मंगलवार को बिलपुर और टिसुआ के बीच अप लाइन पर मशीन से चार किलोमीटर तक पत्थर बिछाए गए थे। शाम चार से पांच बजे एक घंटे का ब्लॉक होने की वजह से जम्मू से कोलकाता जाने वाली सियालदह एक्सप्रेस को पितांबरपुर स्टेशन पर रोक दिया गया। इस बीच रेलवे लाइन के नीचे पत्थर भरे गए। नियमानुसार इस काम के बाद ट्रैक पर पहले मालगाड़ी गुजारकर ट्रायल किया जाना था लेकिन इंजीनियरिंग अनुुुभाग की टीम ने बिना ट्रायल पितांबरपुर स्टेशन पर खड़ी सियालदह एक्सप्रेस को गुजारने के लिए स्टेशन मास्टर से कह दिया। ट्रेन मेंटीनेंस वाले इस सेक्शन से गुजरी तभी अचानक पटरी धंस गई और पत्थर ट्रैक पर आ गए।इस दौरान ट्रेन ट्रेन 40 किमी घंटे के कॉशन पर थी लिहाजा पटरी धंसने से जैसे ही झटका लगा, लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक ली। पटरी धंसने की सूचना रेलवे कंट्रोल मुरादाबाद को दी गई तो उत्तर रेलवे के मुख्यालय बड़ौदा हाउस तक हड़कंप मच गया। लोको पायलट ने धीरे-धीरे ट्रेन को निकाला। मंडलीय अधिकारियों ने मामले की जांच के लिए टीम बनाई है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में पीडब्ल्यूडीआई को दोषी माना गया है। आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन कुमार सिसौदिया ने बताया कि हादसे के बाद ट्रैक को ठीक कराकर दूसरी ट्रेनों को गुजारा गया।
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