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आस्था पर महंगाई की मार: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने सावन में पांच गुना बढ़ाया दर्शन पूजन का दाम

कोरोना संक्रमण काल में भले ही कांवड़ यात्रा पर रोक लग गई है लेकिन मंदिर प्रशासन ने आरती, दर्शन, पूजन और रुद्राभिषेक के दाम में बढ़ोतरी कर दी है। सावन के सोमवार को बाबा का सुगम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 750 रुपये और मंगला आरती के लिए 1500 रुपये खर्च करने होंगे। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने सावन के महीने में आरती, दर्शन और रुद्राभिषेक की नई दरें शुक्रवार को जारी की गईं।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन के महीने में श्रद्धालुओं को मंगला आरती के लिए सात सौ रुपये और सोमवार को 15 सौ रुपये शुल्क देना होगा। आम दिनों में मंगला आरती का शुल्क 350 रुपये लगता है। सुगम दर्शन के लिए अब तीन सौ के बजाय पांच सौ और सोमवार को 750 रुपये का टिकट कटेगा। एक शास्त्री से रुद्राभिषेक 450 के स्थान पर 700 रुपये और पांच शास्त्री से 1380 के बजाय 2100 रुपये लिया जाएगा।

मध्याह्न भोग आरती, सप्तर्षि व रात्रि शृंगार भोग आरती का शुल्क 180 से बढ़ाकर 200 रुपये किया गया है। सावन के सोमवार को संन्यासी भोग के लिए 7500, अखंड दीप के लिए 700, रुद्राभिषेक 20 वर्ष के लिए 25000, महामृत्युंजय जाप (32 शास्त्री एक दिन) के लिए एक लाख व सात शास्त्री से पांच दिन में कराने के लिए 51 हजार रुपये मंदिर कोष में जमा करने होंगे। सावन सोमवार शृंगार के लिए 15000 रुपये व पूर्णिमा शृंगार को 3700 रुपये शुल्क देना होगा।

सावन 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। हर सोमवार बाबा का अलग-अलग स्वरूप में शृंगार किया जाएगा। पहले सोमवार (26 जुलाई) को शिव शृंगार, द्वितीय सोमवार (दो अगस्त) को शिव-पार्वती शृंगार, तृतीय सोमवार (नौ अगस्त) को अर्द्धनारीश्वर शृंगार, चौथे सोमवार (16 अगस्त) को रुद्राक्ष शृंगार और पांचवें सोमवार को शिव-पार्वती-गणेश की चल प्रतिमाओं का झूला शृंगार होगा।