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वाराणसी: नागरी प्रचारिणी सभा के चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाया स्टे, सभा के प्रधानमंत्री बोले- झूठ के सहारे धूमिल की जा रही छवि

वाराणसी स्थित नागरी प्रचारिणी सभा में चुनाव कराने के फैसले पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। नागरी प्रचारिणी की तरफ से चुनाव कराने के एसडीएम सदर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने एसडीएम के नौ जून के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री डॉ. कुसुमाकर पांडेय ने बताया कि हिंदी की गौरवशाली संस्था को विवाद का विषय बनाकर सस्ती लोकप्रियता अर्जित की जा रही है। झूठ का सहारा लेकर संस्था की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। हम लोगों ने एसडीएम के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

हाईकोर्ट इलाहाबाद ने सुनवाई करते हुए एसडीएम सदर के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। सभा के कार्यालय अधीक्षक ब्रजेश चंद्र पांडेय एवं अतिरिक्त सहायक मंत्री सभाजीत शुक्ला ने बताया कि सभा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा एवं संतोष कुमार चौबे ने पक्ष रखा। कोर्ट में अधिवक्ता ने कहा कि विपक्षी संख्या पांच व्योमेश शुक्ला 2010 में ही सभा से निष्कासित किए जा चुके हैं। यह सभा के लिए अजनबी हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश पारित किया। व्योमेश शुक्ला की शिकायत के बाद एसडीएम ने नौ जून को नागरी प्रचारिणी सभा का चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसके बाद से चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।