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शिकार और जिंदगी के लिए किसान-मगरमच्छ में लड़ाई

मगरमच्छ के हमलों में 3 ग्रामीणों के कई जान
यह कोई पहला मामला नहीं है कि मगरमच्छ ने किसी ग्रामीण पर हमला किया हो। इससे पहले भी न्यूरिया थाना क्षेत्र में ही खेत पर जा रहे हैं। किसान पर हमला करते हुए मगरमच्छ ने उसे अपना निवाला बना लिया था। घटना के 2 दिन बाद किसान का शव नदी से ही बरामद हुआ था। दूसरी ओर नदी किनारे भैंस चराने गए दो मासूमों पर भी मगरमच्छ ने हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था।

साइन बोर्ड लगाने के लिए गए थे निर्देश
जिले में लगातार हो रही मगरमच्छ हमले की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा नदी किनारे मगरमच्छ की बहुतायत वाले क्षेत्र में साइन बोर्ड लगाने के दिशा-निर्देश जारी किए थे, ताकि ग्रामीणों को मगरमच्छ की उपस्थिति के बारे में जानकारी दी जा सके और ग्रामीणों को हमले से सुरक्षित रखा जाए।

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मगरमच्छों की बढ़ती संख्या हमले का कारण
शहर के बीचोंबीच बहने वाली खकरा नदी में मगरमच्छों का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो दो दर्जन से अधिक मगरमच्छ इस नदी में रहते हैं। वैसे तो मगरमच्छ शेड्यूल-1 का प्राणी है, लेकिन फिर भी वन विभाग द्वारा इस शेड्यूल-1 के प्राणी को संरक्षित करने और उनके भोजन की व्यवस्था करने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। जिसका नतीजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है और जिले भर में लगातार मगरमच्छ के हमलों की घटनाओं में इजाफा हो रहा है।