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Gorakhpur News: जब गोरखपुर में कांग्रेस, सपा का गठबंधन भी नहीं दिला सका था एक भी सीट

अनुराग पाण्डेय, गोरखपुर
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज गया है। हर राजनीतिक पार्टियां 2017 विधानसभा चुनाव की कमियों को दूर करने में जुट गई हैं। किसी भी हाल में प्रदेश में अधिक से अधिक सीट हासिल करने के लिए भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टी जोर शोर से कैंपेन में लग गई हैं। गोरखपुर सीएम सिटी की अगर बात करें तो यहां पर 9 विधानसभा सीट हैं। सपा, कांग्रेस ने वर्ष 2017 में गठबंधन कर गोरखपुर की 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इसके बाद भी एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। आठ सीट पर भाजपा ने कब्जा किया तो एक सीट पर बसपा की हाथी दौड़ी थी। दो बड़ी पार्टियां सपा और कांग्रेस को इससे बहुत बड़ा झटका लगा था। वर्ष 2022 चुनाव में सपा और कांग्रेस गठबंधन तो नहीं कर रही हैं, लेकिन गोरखपुर में अच्छे प्रत्याशी की तलाश जरूर है कि जिससे उनका सीएम सिटी में खाता खुल सके।

गोरखपुर की 9 विधानसभा सीट पर अगर देखा जाए तो गोरखपुर ग्रामीण सीट पर भाजपा और सपा की कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। बाकी विधानसभा में एक सीट चिल्लूपार में बसपा की मेहनत रंग लाई थी। यहां से उसकी झोली में एक सीट आई थी। जबकि 7 विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी बड़े आराम से जीत दर्ज किए थे। गठबंधन के बाद भी जब सपा, कांग्रेस की झोली में एक भी सीट नहीं आई तब दोनों ही पार्टी अपनी अपनी कमियां खोजना शुरू कर दी। इस बार 2022 चुनाव में पिछली बार की कमियों से सीख लेकर कांग्रेस और सपा के जिम्मेदार टिकट देने में जरा भी जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो 2022 चुनाव के लिए सभी पार्टियां चोरी चुपके प्रत्याशियों का उनके क्षेत्र में जाकर सर्वे कर रही हैं, जिससे काबिल प्रत्याशी चुनाव में उतार सकें।

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वर्ष 2017 में 9 विधानसभा का रिजल्ट
वर्ष 2017 विधान सभा चुनाव में गोरखपुर सदर सीट से भाजपा के राधा मोहन 122221 वोट पाकर विजयी हुए थे। जबकि कांग्रेस के राणा राहुल सिंह को 61491 वोट और बसपा के जनार्दन चौधरी को 24297 वोट मिले थे। गोरखपुर ग्रामीण सीट से भाजपा के विपिन सिंह 83686 वोट पाकर विजयी हुए थे। सपा के विजय बहादुर यादव 79276 वोट पाकर सेकेंड और बसपा के राजेश पाण्डेय 30097 वोट पाकर तीसरे स्थान पर थे।

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इसी तरह सहजनवा से भाजपा के शीतल पाण्डेय 72213 वोट पाकर विजयी बने थे। वहीं सपा के यशपाल रावत 56836 वोट पाकर दूसरे नंबर पर और बसपा के जीएम सिंह 54143 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर थे। खजनी विधानसभा से भाजपा के संत प्रसाद 71492 वोट पाकर जीत दर्ज किए। वहीं बसपा के राजकुमार को 51413 वोट मिले और सपा की रूपावती बेलदार को 42085 वोट मिले थे। बांसगांव से भाजपा के विमलेश पासवान 71966 वोट पाकर विजयी बने। जबकि बसपा के धमेन्द्र कुमार को 49093 वोट और सपा की शारदा देवी को 44051 वोट मिले थे। चिल्लूपार से बसपा के विनय शंकर तिवारी 78177 वोट पाकर विजयी हुए। वहीं भाजपा के राजेश त्रिपाठी को 74818 वोट और सपा के राम भुआल निषाद को 55422 वोट मिले थे।

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चौरी चौरा विधानसभा से भाजपा की संगीता यादव 87863 वोट पाकर विजयी बनी। जबकि सपा मनुरोजन यादव को 42203 वोट और बसपा के जयप्रकाश को 37478 वोट मिले थे। पिपराइच विधानसभा से भाजपा के महेन्द्र पाल सिंह 82739 वोट पाकर विजय बने। वहीं बसपा के आफताब आलम को 69930 वोट और सपा के अमरेन्द्र निषाद को 51031 वोट मिले थे। इसी तरह कैंपियरगंज से भाजपा के प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह 91636 वोट पाकर विजयी बने। जबकि सपा की चिंता यादव को 58782 वोट और बसपा के आनंद निषाद को 39243 वोट मिले थे।

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