बुधवार को दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी छोड़ने वाले गौतम गंभीर ने अब एक बड़ा एलान किया है। गौतम ने इस साल अपना आइपीएल का वेतन नहीं लेने का किया फैसला है। डेयरडेविल्स की कप्तानी छोड़ने के बाद गंभीर ने आइपीएल-11 में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए दो करोड़ 80 लाख रुपये का अपना वेतन नहीं लेने का फैसला किया है। यह संभवत: पहला अवसर है जब आइपीएल टीम के किसी कप्तान ने अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण अपना वेतन नहीं लेने का फैसला किया है।
टीम से जुड़े सूत्र के मुताबिक गौतम ने फैसला किया है कि वह इस सत्र में फ्रेंचाइजी से कोई वेतन नहीं लेंगे। वह आइपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के बाकी मैचों में खेलने के लिए पैसा नहीं लेंगे। गौतम ऐसे व्यक्ति हैं जिनके लिए सम्मान सबसे ऊपर है। एक खिलाड़ी के रूप में वह सत्र के बाकी मैचों के लिए उपलब्ध रहेंगे और आइपीएल समाप्त होने के बाद अपने भविष्य पर फैसला करेंगे।
दिल्ली ने अब तक आइपीएल-11 में छह मैच खेले हैं, जिनमें से उसे पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली अभी अंक तालिका में आठवें और अंतिम स्थान पर है। 36 वर्षीय गंभीर ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि मैंने टीम के लिए पर्याप्त योगदान नहीं दिया। कप्तान होने के नाते मुझे जिम्मेदारी लेनी थी। हो सकता है कि मैं चीजों को बदलने के लिए अधिक बेताब था और इसका उलटा असर पड़ा। यह एक कारण हो सकता है। मैं दबाव नहीं झेल पा रहा था और जब आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो फिर आपको जिम्मेदारी लेनी होती है। मुझे लगता है कि यह सही समय था। इसलिए मैंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। यह मेरा अपना फैसला है। फ्रेंचाइजी का कोई दबाव मुझ पर नहीं है। मैंने अपने इस फैसले के बारे में अपनी पत्नी से भी बात की थी। गंभीर ने कहा कि मैंने अकेले में इस पर गहन विचार किया। मैं दबाव नहीं ङोल पा रहा हूं। मैं इसके लिए बहुत अच्छी स्थिति में नहीं हूं। फ्रेंचाइजी के सीईओ हेमंत दुआ और कोच रिकी पोंटिंग भी मौजूद थे।
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