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खून की प्यासी हुई बेमेतरा की राहें, हर तीसरे दिन एक मौत, रोज तीन घायल

यातायात पुलिस व नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेमेतरा में यातायात व्यवस्था रामभरोसे है। सड़क दुर्घटनाएं आए दिन कई परिवारों की खुशियां लील रही हैं। तमाम दावों और कवायद के बावजूद सड़क हादसों पर लगाम कसने की कोशिशें नाकाम ही साबित हुईं हैं। बेमेतरा, बालोद व कवर्धा की सड़कों पर प्रदेश में सर्वाधिक सड़क हादसे हुए है। दुर्ग संभाग में
सड़क हादसों का प्रतिशत 15.76 प्रतिशत बढ़ा है। बेमेतरा में विगत वर्ष सड़क हादसे में 27 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि इस वर्ष अब तक यह संख्या 42 तक पहुंच गई। बालोद में सड़क हादसे में मौत का प्रतिशत 38.17 फीसदी तक बढ़ गया।
यहां एक जनवरी से लेकर अब तक पिछले वर्ष 34 लोगों की मौत हुई वहीं इस वर्ष मरने वालों का आंकड़ा 52 तक पहुंच गया। राजनांदगांव और कवर्धा दोनों ही जिले में से हाईवे गुजरता है पर राजनांदगांव में हादसों में सिर्फ 11 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
 
इन में दो-पहिया और ट्रक से जुड़ी दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं। सड़कों की बदहाली भी सड़क हादसों का बड़ा कारण बनी है वही यातायात नियमों का पालन न करना भी हादसों का कारण रहा है।
रोड सेफ्टी काउंसिल में नहीं है तालमेल
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट मुताबिक छत्तीसगढ़ जिलों में बनी डिस्ट्रिक रोड सेफ्टी काउंसिल से जुड़े विभागों के बीच समन्वय नहीं है। बेमेतरा जिला विगत माह जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक निवर्तमान कलेक्टर कार्तिकेय गोयल व पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र गर्ग की उपस्थिति में हुई।