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UP Chunav: यूपी चुनाव में इस बार चलेगी उल्‍टी हवा, मुस्लिम समुदाय का वोट बैंक बदलेगा बीजेपी की किस्मत?

सुबोध घिल्डियाल, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा (uttar pradesh election) 2022 चुनाव 10 फरवरी से से शुरू हो जाएंगे। चुनाव आयोग ने शनिवार को यह ऐलान कर दिया है। अब राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए वोटों के गुना-गणित में जुट गए हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव (UP Chunav) में इस बार उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय यूपी की सरकार बनवाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। बीजेपी के पास अब तक हिंदू समुदाय का मजबूत वोट बैंक है।

वहीं अब तक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को मुस्लिम समुदाय के वोट का मजबूत सपोर्ट रहा है। लेकिन अब इस वोट पैर्टन में बदलाव के आसान नजर आने लगे हैं। मुस्लिम समुदाय का वोट बैंक सपा और बसपा के बीच 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 विधानसभा चुनाव में बंटा हुआ था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सपा और बसपा के बीच गठबंधन ने उसकी पसंद को आसान बना दिया।

2019 लोकसभा चुनावों में मुस्लिम समुदाय के वोटिंग पैर्टन ने सपा और बसपा को झटका दिया। लोकसभा चुनाव में इस समुदाय का संगठित वोट बीजेपी की तरफ गया, जो कि मुस्लिम समुदाय का बीजेपी की ओर झुकाव या कहें ध्रुवीकरण की ओर इशारा करता है। हालांकि 2014 से पहले यूपी में बीजेपी को इनका भी साथ नहीं मिल रहा था। इससे सपा और बसपा उत्तर प्रदेश की मुख्य पार्टियां बनी हुईं थीं।

बीजेपी को मिलेगी मदद
यूपी में अल्पसंख्यक वोटों के विभाजन से बीजेपी को मदद मिलेगी। खासकर उन क्षेत्रों में जहां मजबूत हिंदू ध्रुवीकरण की संभावना है, जैसे पश्चिमी और पूर्वी यूपी।वहीं बसपा और सपा मुस्लिम समुदाय को समझा नहीं पाता है तो बीजेपी को फायदा निश्चित ही होगा। वहीं अगर यह माहौल बनता है कि चुनाव में बीजेपी के सामने केवल समाजवादी पार्टी (सपा) ही एक मजबूत दावेदार बची है, तो मुस्लिम समुदाय के साथ ही यादव वोट बैंक भी बीजेपी को मिल सकता है।
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बसपा के मैदान में न आने से अखिलेश को मिली मदद
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुरूआती स्तर पर बड़ी जनसभाएं की, सोशल मीडिया अभियान के तहत लोगों के बीच जगह बनाई। इस दौरान बसपा प्रमुख मायावती के चुनाव प्रचार के मैदान से नदारद रहने से अखिलेश यादव को मदद मिली है। इन दो पार्टियों के बीच अखिलेश गंभीर और मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं।