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Allahabad High Court : इलाहाबाद और लखनऊ हाईकोर्ट में 10 जनवरी से होगी सिर्फ वर्चुअल मोड में सुनवाई, प्रशासनिक कमेटी और बार एसोसिएशन की बैठक में निर्णय

सार
रविवार को इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई में प्रशासनिक कमेटी और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की संयुक्त रूप से हुई वर्चुअली बैठक में यह निर्णय लिया गया। 

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इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार यानी 10 जनवरी से सिर्फ वर्चुअल मोड़ में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ दोनों जगह के लिए दो हप्ते तक के लिए लागू होगी। उसके बाद आगे कोरोना के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आगे निर्णय लिया जाएगा। 
 

रविवार को इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई में प्रशासनिक कमेटी और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की संयुक्त रूप से हुई वर्चुअली बैठक में यह निर्णय लिया गया। 
 

बैठक में फिजिकल सुनवाई दो सप्ताह के लिए बंद कर दी गई। केस की सुनवाई के दौरान लिंक न मिलने या किसी वजह से केस की सुनवाई न होने पर उसको एक दिन बाद फिर सुनवाई के लिए रखा जाएगा।

हाइकोर्ट ने इससे पहले भी तीन जनवरी से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया था। मगर, लिंक न मिलने और वकीलों के विरोध के कारण वर्चुअल के साथ फिजिकल सुनवाई भी शुरू कर दी गई थी। अब कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फिर से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया है। मुकदमों का दाखिला ऑनलाइन और फिजिकल दोनों मोड में किया जाएगा।

बार एसोसिएशन के महासचिव एसडी सिंह जादौन ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने आश्वासन दिया है कि लिंक न मिलने की दशा में प्रतिकूल आदेश नहीं होगा। जमानत अर्जी की सुनवाई न हो पाने पर एक दिन बाद दोबारा केस सूचीबद्ध होगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच लिए गाइडलाइन

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों की कोर्ट परिसर में एंट्री वर्जित रहेगी।
लखनऊ बेंच के वकीलों की कोर्ट परिसर में एंट्री वहां के सीनियर जज के निर्देश पर सीनियर रजिस्ट्रार कंट्रोल करेंगे
जजों के स्टाफ और अन्य कर्मचारियों के परिसर में प्रवेश को नियंत्रित किया जाएगा
जज के निर्देश पर ही उनके पर्सनल स्टाफ, बेंच सेक्रेटरी, चपरासी आदि कोर्ट में आएंगे
रजिस्ट्रार जनरल तय करेंगे कि कितने अधिकारी या कर्मचारी को कोर्ट आना है। 

 

हाईकोर्ट की कैंटीन बंद रहेगी
जिन पुराने मुकदमों में सुनवाई के लिए डेट फिक्स थीं, उसमें अगली डेट दी जाएगी। फ्रेश दाखिल मुकदमों की सुनवाई होगी, उसमें दोषसिद्ध बंदियों के केस शामिल नहीं होंगे।
सजा को स्थगित रखने और जमानत अर्जी पर सुनवाई नियमित होगी।

विस्तार

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार यानी 10 जनवरी से सिर्फ वर्चुअल मोड़ में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ दोनों जगह के लिए दो हप्ते तक के लिए लागू होगी। उसके बाद आगे कोरोना के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आगे निर्णय लिया जाएगा। 

 
रविवार को इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई में प्रशासनिक कमेटी और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की संयुक्त रूप से हुई वर्चुअली बैठक में यह निर्णय लिया गया। 

 
बैठक में फिजिकल सुनवाई दो सप्ताह के लिए बंद कर दी गई। केस की सुनवाई के दौरान लिंक न मिलने या किसी वजह से केस की सुनवाई न होने पर उसको एक दिन बाद फिर सुनवाई के लिए रखा जाएगा।

हाइकोर्ट ने इससे पहले भी तीन जनवरी से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया था। मगर, लिंक न मिलने और वकीलों के विरोध के कारण वर्चुअल के साथ फिजिकल सुनवाई भी शुरू कर दी गई थी। अब कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फिर से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया है। मुकदमों का दाखिला ऑनलाइन और फिजिकल दोनों मोड में किया जाएगा।

बार एसोसिएशन के महासचिव एसडी सिंह जादौन ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने आश्वासन दिया है कि लिंक न मिलने की दशा में प्रतिकूल आदेश नहीं होगा। जमानत अर्जी की सुनवाई न हो पाने पर एक दिन बाद दोबारा केस सूचीबद्ध होगा।