गोरखपुर: कहते हैं बड़े शहरों में कोई बिल्डिंग बनाना फिर भी आसान है, मगर उसका नक्शा पास करवाना बिल्डिंग बनाने से भी ज्यादा मुश्किल काम है। मगर तब कैसा लगेगा जब सरकारी डिपार्टमेंट से अधिकारी आपके पास खुद फोन करें और ‘बाइज्जत’ आपकी बिल्डिंग का नक्शा पास करने के लिए बुलाएं? गोरखपुर (Gorakhpur News) में इन दिनों ऐसा ही हो रहा है। महीनों पहले जिन लोगों के आवेदन किसी कारण से रद्द कर दिए गए थे, उनको फोन करके गोरखपुर विकास प्राधिकरण के दफ्तर बुलाया जा रहा है।
लोगों को फोन करके बुलाया जा रहा और नक्शे पास हो रहे
यह पहल शुरू करने वाले हैं खुद गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और 2014 बैच के आईएएस प्रेम रंजन सिंह। आईएएस अफसर प्रेम रंजन सिंह की पहल पर जीडीए के इंजीनियर लोगों को फोन करके बुला रहे हैं और मौके पर ही बरसों से लंबित या निरस्त हो चुके आवेदनों पर कार्रवाई की जा रही है।
अब 50 फीसदी तक नक्शे पास हो रहे, पहले 15 फीसदी था औसत
पिछले तीन महीने में जितने भी आवेदकों के नक्शे के आवेदन रद्द हुए हैं, उन्हें फोन करके गोरखपुर विकास प्राधिकरण के दफ्तर बुलाया जा रहा है और उनके नक्शे पास किए जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर आवेदन ऐसे थे जिन्हें कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते रद्द कर दिया गया था। इस नई पहल से जहां अब 50 फीसदी तक नक्शे पास हो रहे हैं, वहीं पहले यह औसत सिर्फ 15 फीसदी तक था।
‘लोगों को फायदा हुआ, प्राधिकरण की आय भी बढ़ी’
एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने कहा, ‘प्राधिकरणों में सबसे बड़ी समस्या नक्शा पास कराने में आती है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण आवेदकों को फोन करके बुला रहा है और उनके नक्शे पास करने का प्रयास कर रहा है। पिछले 6 महीने से इस प्रकिया के जरिए ना केवल लोगों को फायदा हुआ बल्कि प्राधिकरण की रेकॉर्ड इनकम भी हुई। अप्रैल महीने में नई महायोजना आने के बाद मानचित्र पास करने में और तेजी दिखेगी।’
More Stories
क्राइम : पति की सरकारी नौकरी वाली पत्नी ने बनाया प्लान, प्रेमी के साथ मिलकर निकाला मौत के घाट
मायावती ने शेयर किया आकाश आनंद को पद से हटाने का फैसला, जानिए क्यों मिला आनंद को उत्तराधिकारी, इसके पीछे क्या है राजनीतिक संदेश?
लोकसभा चुनाव तीसरे चरण की वोटिंग: उत्तर प्रदेश में 12.64 बजे हुआ मतदान, जानें कौन सी सीट पर कितना फिसदी पड़े वोट