शहीद नगर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में एआईएमआईएम (AIMIM) भी अपनी धमक जमाने में जुटी है। रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने साहिबाबाद सीट से प्रत्याशी मनमोहन झा गामा ने समर्थन में जनसंपर्क किया। इससे पहले ओवैसी ने पार्टी के कार्यालय में प्रेसवार्ता की। जब उनसे पूछा गया कि वह विशेष कम्युनिटी को ही सिर्फ तव्वजो क्यों देते हैं? मुस्कुराते हुए बोले कि यदि वह विशेष कम्युनिटी को ही महत्व देते तो टिकट ब्राह्मण प्रत्याशी को कैसे मिलता?
असदुद्दीन ओवैसी पर एक समुदाय विशेष के पक्ष में विशेष रूप से भाषण देने और उसे बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। हालांकि, यूपी चुनाव में ओवैसी और उनकी पार्टी दोनों ही अलग रंग में रंगे दिख रहे हैं। ब्राह्मण प्रत्याशी के जरिए उन्होंने विरोधियों को बड़ा संदेश देने की कोशिश ही है। साथ ही, वे चुनावी प्रचार अभियान में भी उतर रहे हैं। किस पार्टी से आपका मुकाबला है, इस सवाल के जवाब में कहा कि हमारा मुकाबला सबसे है। उन्होंने अपनी बातों में मौजूदा बीजेपी सरकार को ही निशाने पर रखा और कहा कि मौजूदा 30 फीसदी विधायकों पर केस दर्ज है।
अमित शाह के बयान पर किया पलटवार
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह के मुजफ्फरनगर में दंगे भूल गए वाले बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वह हाथरस में दलित बेटी, लखीमपुर में मृत किसान, कोरोना की लहर में गंगा में बहते शव और प्रयागराज में मारे गए नौजवानों के घरवालों के पास जाकर चुनाव प्रचार करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे साफ जाहिर होता है कि वे ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं।
6-7 घरों में ही जाकर पर्चे बांटे
असदुद्दीन ओवैसी का डोर-टु-डोर कार्यक्रम 12 बजे का था, लेकिन वह करीब दोपहर के 2 बजे पहुंचे। प्रेसवार्ता के बाद शहीद नगर की गलियों में गए। उन्होंने छह से सात घरों में पर्चे बांटे और वोट देने की अपील की। कोरोना संक्रमण के प्रभाव के कारण बड़ी रैलियों पर लगी रोक के कारण बड़े-बड़े नेताओं को भी अब घर-घर जाकर प्रचार करना पड़ रहा है।
साहिबाबाद में अपने प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करते असदुद्दीन ओवैसी
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