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हाईकोर्ट : पूर्व मंत्री आजम खान के मामले में टली सुनवाई, पक्ष रखने के लिए नहीं पहुंचे अधिवक्ता

सार
मामले में सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि पूर्व कैबिनेट मंत्री सीतापुर जेल में बंद हैं। यूपी सरकार की ओर से दाखिल जमानत निरस्त कराने की अर्जी की जानकारी सीतापुर जेल अधीक्षक के जरिए पूर्व कैबिनेट मंत्री तक पहुंचा दी गई है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान

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हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी को निरस्त कराने के मामले में सुनवाई टाल दी है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय किया था, लेकिन उनकी ओर से कोई अधिवक्ता उपस्थित न होने के कारण सुनवाई टाल दी और इसके लिए 21 फरवरी की तिथि निर्धारित कर दी।

मामले में सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि पूर्व कैबिनेट मंत्री सीतापुर जेल में बंद हैं। यूपी सरकार की ओर से दाखिल जमानत निरस्त कराने की अर्जी की जानकारी सीतापुर जेल अधीक्षक के जरिए विपक्षी पक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री तक पहुंचा दी गई है। इसके बावजूद विपक्षी पक्ष के अधिवक्ता उपस्थित नहीं हो सके।

कोर्ट ने एक बार फिर विपक्षी पक्ष को सूचना देने का आदेश दिया। जिससे कि वह अपना पक्ष रखने के लिए अपने अधिवक्ता को भेज सकें, अन्यथा उनका पक्ष रखने के लिए न्याय मित्र की तैनाती की जाएगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।

आजम का पक्ष रखने के लिए नहीं पहुंचे अधिवक्ता
पूर्व कैबिनेट मंत्री के खिलाफ रामपुर जिले में आधा दर्जन से अधिक मामले में आरोपित हैं। उनके खिलाफ जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही है। लेकिन, कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत मिली हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी जमानत को निरस्त कराने के लिए आधा दर्जन मामले में याचिका दाखिल कर रखी है। बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई, लेकिन उनका पक्ष रखने केलिए कोई भी अधिवक्ता मौजूद नहीं रहा।

लिहाजा, कोर्ट ने याचिका निरस्त कराने के संदर्भ की सूचना उन तक पहुंचाने के लिए फिर से आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर उनकी ओर से कोई भी अधिवक्ता उपस्थित नहीं होता है तो कोर्ट न्यायहित में न्यायमित्र नियुक्त किया जाएगा।

विस्तार

हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी को निरस्त कराने के मामले में सुनवाई टाल दी है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय किया था, लेकिन उनकी ओर से कोई अधिवक्ता उपस्थित न होने के कारण सुनवाई टाल दी और इसके लिए 21 फरवरी की तिथि निर्धारित कर दी।

मामले में सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि पूर्व कैबिनेट मंत्री सीतापुर जेल में बंद हैं। यूपी सरकार की ओर से दाखिल जमानत निरस्त कराने की अर्जी की जानकारी सीतापुर जेल अधीक्षक के जरिए विपक्षी पक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री तक पहुंचा दी गई है। इसके बावजूद विपक्षी पक्ष के अधिवक्ता उपस्थित नहीं हो सके।

कोर्ट ने एक बार फिर विपक्षी पक्ष को सूचना देने का आदेश दिया। जिससे कि वह अपना पक्ष रखने के लिए अपने अधिवक्ता को भेज सकें, अन्यथा उनका पक्ष रखने के लिए न्याय मित्र की तैनाती की जाएगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।