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आधार को दुनिया में फैलाने के लिए बिल गेट्स ने विश्वबैंक को दिया फंड

नक्सलबाड़ी आंदोलन जिस उद्देश्य से प्रारंभ हुआ था भले ही वह हिंसात्मक रहा हो ठीक इसके विपरीत अब नक्सलवाद का हिंसात्मक खून खराबा व्यक्तिगत या कुछ समूह या कुछ राजनीतिक पार्टियों का फायदा पहुंचाने की दृष्टि से हो रहा है।
अब एक और असंवैधानिक आंदोलन पूर्व आईएस अधिकारियों और ईसाई मिशनरियों के माध्यम से पत्थरगढ़ी नाम से जशपुर,अंबिकापुर क्षेत्र में प्रारंभ हुआ है। इसी से मिली जुली एक  खबर यशवंत सिन्हा जी की भी आई थी कि उन्होंने आव्हान किया है कुछ गांव वालों को ही वहॉ किसी का प्रवेश न होने दिया जाये ?
राहुल गांधी बिना सत्ता के छटपटा रहे हैं। सत्ता में आने के लिये वे भारत की प्रगति में, भारत की एकता में बाधक बने हुये हैें।
जीएसटी के जैसे ही आधारकार्ड बिल को रोकने में भी और पार्लियामेेंट में बाधक बनने की दृष्टि से कांगे्रस का प्रयास हुआ है।
एक समय था जब कांग्रेस की ओर से ही बैंगलोर में आधारकार्ड के जन्मदाता  नंदन नीलेकणि बैंगलोर से लोकसभा चुनाव के लिये प्रत्याशी थे। उस समय चर्चा तो यहॉ तक थी कि जैसे सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को नाम के लिये प्रधानमंत्री बनाया वैसे ही यदि कांग्रेस बहुमत में आई तो नंदन नीलेकणि प्रधानमंत्री बन सकते हैं। अब इस पृष्ठ ४ पर उनका एक लेख प्रकाशित है। उससे सिद्ध होता है कि आधार कार्ड के विरूद्ध योजनाबद्ध ढंग से षडयंत्र हुआ।
जी हिन्दुस्तान चैनल के प्रभारी जगदीश जी ने अपने समीक्षा में कहा था कि यदि राहुल गांधी अपनी माता सोनिया गांधी के जैसे ही किसी दूसरे को भविष्य में प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाना चाहेंगे तो वे सेम पित्रोदा भी हो सकते हैं।
उन्होंने कैशलेस ट्रांजिक्शन की वकालत करते हुये एक समय कहा था कि उनके जीवन की सबसे बड़ी आकांक्षा है कि दुनिया को मैं अपने जीवन काल में कैशलेस ट्रांजिक्शन का देखं।
उक्त दोनों ही मुद्दों पर तथा इसी प्रकार के अन्य मुद्दों पर कांग्रेस तथा अन्य परिवारवादी पार्टियों का विरोध चालू है। अर्थात मोदी फोबिया से वे ग्रस्त हैं।
यदि पीएम मोदी कहेंगे परिवारवादी विपक्षी पार्टी के नेताओं को विशेषकर राहुल गांधी को कि नाक मत कटाओ तब भी वे विरोध में खड़े होकर यह भी धमकी दे सकते हैं कि उनकी पार्टी नाक कटायेगी अर्थात उनका विरोध रहेगा।