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मालदीव को कोरोना से बचाया, अर्थव्यवस्था को भी संभाला

माले। भारत किस तरह अपने पड़ोसियों की मदद करके उनकी सराहना हासिल करता है, ये सभी जानते हैं। इस बार सराहना की इस कड़ी में नाम जुड़ा है मालदीव का। मालदीव भारत का पड़ोसी तो नहीं, लेकिन इस इस्लामी देश से भारत के बहुत पुराने संबंध भी हैं और जुड़ाव भी। अब मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला मोहम्मद सालेह ने पिछले 2 साल में भारत से मिली मदद के लिए शुक्रिया अदा किया है।

अपनी संसद में सालेह ने भाषण देते हुए कहा कि कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से हमने तमाम दिक्कतें झेलीं। उन्होंने कहा कि भारत ने इस दौरान कई मौकों पर हमें सहारा दिया और मदद की। मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत से मिले कोरोना के टीकों का उदाहरण दिया और ये भी कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भारत ने 250 मिलियन डॉलर की कीमत के वित्तीय बॉण्ड भी खरीदे।

साथ ही स्वास्थ्य सेवा के लिए भारत से जरूरी यंत्र की भी मदद मिली। सालेह ने कहा कि दोनों देशों ने एक कॉरिडोर भी खोला, जिससे पर्यटक आएं और मालदीव की अर्थव्यवस्था दौड़ती रहे। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने अपने यहां हमारे नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए भी राह आसान की है। मालदीव के अलावा भारत ने ऐसी सुविधा किसी और देश को नहीं दी। बता दें कि मालदीव में भारत कई तरह के विकास के काम भी चला रहा है।

इसके अलावा भारत की रक्षा जरूरतों को देखते हुए मालदीव ने अपने यहां नौसेना का रडार स्टेशन भी स्थापित करने की मंजूरी दी थी। इस रडार स्टेशन के जरिए भारत पूरे हिंद महासागर पर नजर रखता है। चीन की नौसेना के कारण उपजे खतरे को भी मालदीव में लगा ये रडार स्टेशन बता देता है। भारत की सेना ने एक बार मालदीव में हुई तख्तापलट की कोशिश को भी नाकाम कर दिया था। इसके अलावा वहां लोकतंत्र को मजबूत बनाने में भी भारत ने बड़ी मदद की है।