Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उ0प्र0 इको-पर्यटन विकास बोर्ड का गठन किया जायेगा

उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह की अध्यक्षता में वन, आयुष एवं परिवहन विभाग के मा0 मंत्रियों के साथ एक संयुक्त बैठक करके पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ ही रोजगार तथा राजस्व अर्जन की संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। संयुक्त बैठक में इको टूरिज्म विकास बोर्ड के गठन तथा अयोध्या से वाराणसी तक सुसज्जित एवं आरामदेह बस संचालित करने के मुद्दे पर सहमति बनायी गयी।
इस अवसर पर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में इको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सारी परिस्थितियां एवं संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आज की बैठक का मुख्य उद्देश्य इको पर्यटन की तरफ सैलानियों का ध्यान आकृष्ट करने के साथ ही स्थलों का संरक्षण, संवर्द्धन एवं विकास के साथ ही रोजगार एवं राजस्व की नई संभावनाओं को तलाशना है। आयुष विभाग द्वारा पर्यटन विभाग के होटलों में एक पैकेज के तहत हेल्थ, वेलनेस, रिजुवनेट कर सकते हैं। इसके अन्तर्गत पंचकर्म आदि की सुविधा उपलब्ध होगी। पायलेट योजना के तहत सबसे पहले इसे लखनऊ में लागू किये जाने पर विचार किया गया।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उ0प्र0 को पर्यटकों की पहली पसंद बनाने के लिए सारे उपाय किये जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि 2017 से पहले उ0प्र0 की कानून व्यवस्था ठीक नहीं थी। मा0 प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं मा0 मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में उ0प्र0 का वातावरण पर्यटक फ्रेंडली बना है। इसको देखते हुए दुनियाभर के पर्यटक उ0प्र0 आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बोर्ड के माध्यम से इको टूरिज्म स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास और बेहतर प्रबंधन किया जायेगा।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि आयुष और वन विभाग के साथ ट्रेकिंग, वेलनेस सेंटर हेतु आवश्यक सुविधाओं का विकास के साथ ही पर्यटकों को सेवाएं व सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, दुधवा तथा कतरनियाघाट में इको टूरिज्म की व्यापक संभावनाएं हैं। इन स्थलों के चिन्हीकरण के लिए मा0 वन मंत्री, आयुष मंत्री तथा परिवहन मंत्री जी के साथ शीघ्र ही फील्ड विजिट भी की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस संयुक्त बैठक में शुरूआती तौर पर इको पर्यटन हेतु संभावनाओं का पता लगाने के लिए विचार-विमर्श किया गया और शीघ्र ही उसको धरातल पर उतारने के लिए योजनाएं बनायी जाएंगी।
संयुक्त बैठक में उपस्थित आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दया शंकर मिश्र ‘दयालु’ ने सुझाव दिया कि वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने के लिए प्रतिदिन 75 हजार से 01 लाख लोग आते हैं। इनको आस-पास के क्षेत्रों की ओर आकर्षित करने के लिए एयरपोर्ट तथा बस अड्डों पर दर्शनीय स्थलों को दर्शाते हुए बोर्ड लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर में बड़ी संख्या में प्रपात है। इसके अलावा सलखन में प्राचीन जीवाश्म मौजूद हैं। इसके साथ ही राजदरी, देवदरी, लखनिया आदि बड़े जल प्रपात हैं।
जनपद सोनभद्र में भितिचित्र तथा काला हिरन बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त बड़े-बड़े डैम और झीलें हैं। यह स्थल प्राकृति सौन्दर्य से आच्छादित हैं। इनको चिन्हित एवं संरक्षित करके इको टूरिज्म की तरफ पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। बैठक में मौजूद प्राविधिक शिक्षा कैबिनेट मंत्री श्री आशीष पटेल ने विन्डम फाल मिर्जापुर के सौन्दर्यीकरण तथा दर्शनीय स्थलों के सर्वेक्षण का सुझाव दिया। वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरूण कुमार सक्सेना ने वन विभाग के रिजार्ट्स की बेहतर साज-सज्जा एवं सफारी टूरिज्म बढ़ाने का सुझाव दिया।
परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह ने परिवहन विभाग की ओर से इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहयोग का भरोसा देते हुए कहा कि तीर्थ स्थलों तक पर्यटकों को पहुंचाने के लिए सुसज्जित एवं आरामदेह बसें पहले चरण में अयोध्या से वाराणसी तक के लिए संचालित की जाएंगी। इन बसों पर धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के चित्र प्रदर्शित किये जाएंगे। राज्यमंत्री वन श्री के0पी0 मलिक ने भी सुझाव दिये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आयुष श्री प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव परिवहन श्री राजेश कुमार सिंह, प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन श्री मुकेश कुमार मेश्राम, विभागाध्यक्ष एवं मुख्य वन संरक्षक सुश्री ममता एवं श्री संजय सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।