Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Editorial : कांग्रेस विधायक डीके शिवकुमार कांग्रेस और जेडीएस विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होने के लिये तैय्यार

Default Featured Image

आज का समाचार है बेटा 10वीं में चार विषयों में फेल हुआ तो परिजनों ने निकाला जुलूस, आतिशबाजी कर मिठाई भी बांटी ताकि बच्चा डिप्रेशन का शिकार न हो। इससे भी बढ़कर आज का एक अन्य समाचार है कि जेडीएस के उम्मीदवार ने जिस कांग्रेस के सिद्धारमैय्या को हराया उसी जेडीएस को बिना शर्त के कांग्रेस पार्टी समर्थन देने जा रही है, अर्थात फैल हो चुके जेडीएस का कांग्रेस पार्टी जुलुस निकाल रही है।
कांग्रेस के निवृत्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या को चामुंडेश्वरी सीट से जीटी देवेगौड़ा (जेडीएस) ने 36,042 वोट से जीत दर्ज कर सीट बरकरार रखी। उन्होंने कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया को हराया।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि डीके शिवकुमार ने लोकसभा चुनाव में देवगौड़ा के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गये थे। हालांकि देवगोड़ा दो सीटों से चुनाव जीते थे तो उन्होंने साथानुर की सीट छोड़ दी और उपचुनाव में डीके शिवकुमार जीत गए।
अब आज हमें यह ज्ञात हुआ है कि ये ही डीके शिवकुमार कांगेे्रस के और जेडीएस के कुछ विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के यदुरप्पा को समर्थन देने जा रहे हैं। संभवत: डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री बनें।
आईपीएल मैच की तुलना में कर्नाटक चुनाव  नतीजे के बाद सत्ता की लड़ाई अधिक दिलचस्प हो रही है। अब एक रिपोर्ट आई है कि कांग्रेस के  ८ लिंगायत विधायक कांग्रेस पार्टी छोडऩे के लिए तैयार हैं, कांग्रेस ने जेडी (एस) को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया इसके विरोध में।
भाजपा के साथ बातचीत में कुल 1९ विधायकों। 9 जेडी (एस) से, कांग्रेस से ८ लिंगायत विधायक और २ अन्य कांग्रेस के विधायक।  सूत्रों ने कहा कि जेडी (एस) विधायक बीजेपी के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं।
इससे पहले, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बीएस येदियुरप्पा राज्यपाल से मिले थे और आश्वासन दिया था कि उनकी पार्टी बहुमत साबित करेगी। लेकिन जैसे ही रिपोर्टों में दावा किया गया कि कांग्रेस और जेडी (एस) अपने विधायकों को रिसॉट्र्स में जमा करेंगे ताकि वे बगावत को रोक सकें।
कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को आंध्र प्रदेश या पंजाब के रिसोर्ट्स में बंधक बनाकर रखा जा सकता है बगावत को रोकने के लिये।
संभावना यही दिख रही है कि कर्नाटक के राज्यपाल अपने विवेक का उपयोग करते हुये स्थायी सरकार प्रदान कर सकने की क्षमता और फ्लोर टेस्ट मेंं बहुमत सिद्ध कर सकने वाली भाजपा के नेता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर एक सप्ताह के भीतर फ्लोर टेस्ट में बहुमत सिद्ध करने को कहें।
जेडीएस के विधायक ने कांगे्रस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या को हराया है। कांग्रेस १२२ से ७८ पर सिमट गई है अर्थात उसकी ४४ सीट कम हो गई है। ठीक इसके विपरीत भाजपा की ४० से बढ़कर १०४ हो गई हैं और वह सबसे बड़ी पार्टी बनी है। इसलिये प्रजातंत्र के मूल्यों की रक्षा के लिये संभव है राज्यपाल यदुरप्पा को ही सर्वप्रथम मौका दें। और यही प्रजातंत्र के लिये हितकर है।